सार

Hariyali Teej and Haritalika Teej 2023: हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहारों के नाम एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं, इस कारण इनमें कई लोगों को काफी कन्फ्यूजन हो जाता है। ऐसे ही दो व्रत हैं हरियाली तीज और हरितालिका तीज।

 

उज्जैन. हिंदू धर्म में हर दूसरे दिन कोई-न-कोई व्रत त्योहार मनाया जाता है। कुछ त्योहार ऐसे भी हैं जिनके नाम एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। इस वजह से लोगों ने इनमें फर्क करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही दो त्योहार हैं हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023) और हरितालिका तीज (Haritalika Teej 2023)। सुनने में ये दोनों नाम एक जैसे लगते हैं लेकिन इन दोनों में काफी भिन्नता है। आगे जानिए क्या है इन दोनों व्रतों में अंतर…

कब मनाते हैं हरियाली तीज? (Hariyali Teej Kab hai)
हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में देवी पार्वती और भगवान शिवजी की पूजा का विधान है। ये पूजा दिन में की जाती है। इस दिन महिलाएं खास तौर पर हरे रंग की साड़ी और चूड़ी पहनती हैं। इस बार हरियाली तीज का पर्व 19 अगस्त, शनिवार को है। ये व्रत उत्तम पति पाने और घर की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।

कब मनाते हैं हरितालिक तीज? (Haritalika Teej Kab hai)
हिंदू पंचांग के अनुसार, हरितालिका तीज का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में भी देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। ये निर्जला व्रत होता है, यानी इस व्रत में महिलाएं दिन भर कुछ भी खाती-पीती नही हैं। रात में जागकर शिवजी की पूजा की जाती है और भजन गाए जाते हैं। इस बार हरितालिका तीज का व्रत 18 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा।

एक बात दोनों में समान
एक बात जो दोनों व्रतों में समान है, वो ये है कि इन दोनों ही व्रतों में भगवान शिव और देवी पावती की पूजा की जाती है। कुंवारी कन्याएं ये व्रत मनचाहे पति को पाने के लिए करती हैं और विवाहित महिलाएं ये व्रत घर की सुख-समृद्धि और अंखड सौभाग्य की कामना से करती हैं। ये दोनों ही व्रत महिला प्रधान हैं।


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