Hindu Tradition: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को भी भगवान मानकर इनकी पूजा की जाती है। कुछ पेड़ तो ऐसे भी हैं, जिनके बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता जैसे- आम। विवाह के दौरान मंडप बनाने में आम के पत्तों का उपयोग विशेष रूप से होता है।
पीपल, बरगद आदि कईं पेड़ों को हिंदू धर्म में भगवान मानकर पूजते हैं। आम भी इन पवित्र पेड़ों में से एक है। आम के पत्तों को जहां तोरण यानी वंदनवार बनाए जाते हैं, वहीं इसकी लकड़ी का उपयोग हवन आदि कामों में किया जाता है। इनके अलावा और भी कईं कामों में आम के पत्तों का उपयोग होता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, कईं कारणों के चलते आम का पेड़ हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया है।
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क्यों खास है आम का पेड़?
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, आम का पेड़ मंगल ग्रह का कारक है। मंगल एक शुभ ग्रह है। इसलिए आम के पेड़ की पत्तियों और लकड़ी का उपयोग मांगलिक कामों में विशेष रूप से किया जाता है। यहां तक कि कोई भी धार्मिक कार्य भी बिना आम के पत्तों के सम्पन्न नहीं होता है। ये भी मान्यता है कि आम के पेड़ के पॉजिटिव एनर्जी निकलती है।
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शादी के मंडप में आम के पत्तों का उपयोग जरूरी
हिंदू परिवारों में शादी के दौरान मंडप बनाया जाता है, जिसके नीचे वर-वधू 7 फेरे लेते हैं। मंडप में आम के पत्ते जरूर बांधे जाते हैं। आम के पत्तों के बिना विवाह का मंडप संपूर्ण नहीं होता। मान्यता है कि आम के पत्तों से बना मंडप वैवाहिक जीवन के लिए शुभ होता है।
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वंदनवार भी आम के पत्तों का
घर-परिवार में जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो घर के दरवाजों के ऊपर तोरण यानी वंदनवार जरूर लगाए जाते हैं। इन वंदनवारों में भी आम के पत्तों का ही उपयोग किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि आम के पत्तों से निकलने वाली पॉजिटिव एनर्जी घर का माहौल सकारात्मक बनाती है। इसके अलावा जब भी कहीं कलश स्थापना की जाती है तो भी आम के पत्तों को ही कलश के ऊपर रखा जाता है। भक्तों पर पवित्र जल छिड़कते के लिए आम के पत्ते ही उपयोग में लिए जाते हैं।
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हवन में आम की लकड़ी
विवाह आदि शुभ कामों में जब भी हवन-यज्ञ आदि किया जाता है तो इसके लिए आम की लकड़ी ही उपयोग में ली जाती है। पुराणों में आम की लकड़ी से निकलने वाले धुएं को वातावरण शुद्ध करने वाला बताया गया है। आम की लकड़ी का उपयोग और भी कईं शुभ कामों में किया जाता है क्योंकि इसे पवित्र मानते हैं।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।