किसके पुत्र थे गिद्धराज ‘जटायु’, भाई संपाति ने कैसे बचाई थी उनकी जान?

Interesting Facts Related To Jatayu: महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण में गिद्धराज जटायु का भी वर्णन मिलता है जो सीता की रक्षा करते हुए रावण के हाथों मारे गए थे। जटायु से जुड़ी कईं रोचक बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 18, 2024 4:20 AM IST / Updated: Sep 18 2024, 09:51 AM IST

Interesting facts about Ramayana: भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित कईं ग्रंथ लिखे गए हैं, इन सभी में महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण सबसे अधिक प्रमाणिक मानी जाती है। इस ग्रंथ में कईं ऐसे पात्र हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है, जटायु भी इन पात्रों में से एक हैं। जटायु के बारे में लोग सिर्फ इतना ही जानते हैं कि वे सीता की रक्षा करते हुए रावण के हाथों मारे गए थे। आगे जानिए किसके पुत्र थे गिद्धराज जटायु और इनसे जुड़ी रोचक बातें…

किसके पुत्र थे गिद्धराज जटायु?
पुराणों के अनुसार, प्रजापति कश्यप की 17 पत्नियां थीं। इनमें से एक थी विनता। महर्षि कश्यप से विनता के 2 पुत्र हुए गरुड़ और अरुण। भगवान विष्णु ने गरुड़देव को अपना वाहन बनाया और अरुण सूर्यदेव के सारथी बन गए। अरुण के शरीर के कमर के नीचे का भाग नहीं है। इनका विवाह श्येनी से हुआ। अरुण और श्येनी के 2 पुत्र हुए, इनके नाम संपाति और जटायु था। गरुड़देव की तरह ही संपाति और जटायु भी महापराक्रमी थे।

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एक शर्त के कारण हो गए घायल
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, एक बार जटायु और संपाति में सूर्य तक पहुंचने की शर्त लगी। दोनों अपनी पूरी शक्ति लगाकार सूर्य तक पहुंचने की कोशिश करने लगे लेकिन वे जटायु सूर्य का ताप सहन कर सके। संपाति ने जब अपने छोटे भाई को संकट में देखा तो उन्हें ढंक लिया, जिसके कारण उनके पंख जल गए। इस तरह संपाति और जटायु घायल होकर अलग-अलग स्थानों पर गिर गए। जटायु पंचवटी के जगंलों में आकर रहने लगे।

श्रीराम से कैसे हुई मुलाकात?
श्रीराम ने वनवास के 10 साल पंचवटी में ही बिताए। यही उनकी मुलाकात गिद्धराज जटायु से हुई। जटायु राजा दशरथ के मित्र थे, इसलिए वे श्रीराम को अपना पुत्र मानते थे। जब रावण ने पंचवटी से सीता का हरण किया तो जटायु ने उसे रोकने का बहुत प्रयास किया, लेकिन रावण ने उनका वध कर दिया। श्रीराम ने ही जटायु का दाह संस्कार किया था।

कहां है जटायु की विशाल प्रतिमा?
अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के पास ही कुबेर टीला नाम का एक प्राचीन स्थान है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका जीर्णोद्धार करवाकर यहां गिद्धराज जटायु की 30 फीट ऊंची एक विशाल प्रतिमा स्थापित की है। कांसे से बनी गिद्धराज की ये विशाल प्रतिमा दूर से ही देखी जा सकती है। रोज हजारों लोग यहां गिद्धराज जटायु के दर्शन करने आते हैं।


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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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