Jagannath Chandan Yatra: जगन्नाथ चंदन यात्रा में हादसा, जानें क्यों मनाते हैं ये उत्सव, क्या-क्या होता है इस दौरान?

Jagannath Chandan Yatra Incident: 29 मई, बुधवार की रात ओडिशा के पुरी में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में चंदन यात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में 15 लोग घायल हो गए। उल्लेखनी है कि जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं के 4 पवित्र धामों में से एक है।

 

Jagannath Sandalwood Yatra Incident Update: धर्म ग्रंथों में 4 पवित्र धामों का वर्णन मिलता है, इनमें से ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भी एक है। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। 29 मई, बुधवार की रात मंदिर में चंदन यात्रा उत्सव के दौरान पटाखों के ढेर में विस्फोट होने से 15 लोग झुलस गए। ये सभी लोग इस उत्सव में शामिल होने के लिए नरेंद्र पुष्करिणी सरोवर के तट पर इकट्ठा हुए थे। बताया जा रहा है कि उत्सव के दौरान कुछ लोग आतिशबाजी कर रहे थे, तभी पटाखों के ढेर में धमाका हो गया।

क्या है जगन्नाथ चंदन यात्रा उत्सव? (What is Jagannath Chandan Yatra festival?)
चंदन यात्रा उत्सव जगन्नाथ जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाने वाला एक खास त्योहार है जो 42 दिनों तक चलता है। ये उत्सव दो हिस्सों में मनाया जाता है- बहार चंदन और भीतर चंदन। बहार चंदन उत्सव अक्षय तृतीया से शुरू होकर 21 दिनों तक चलता है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए रथों का निर्माण किया जाता है और मंदिर के मुख्य देवताओं की प्रतिनिधि मूर्तियों की पूजा की जाती है। इन प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में नरेंद्र तीर्थ तालाब तक लाया जाता है। इसके बाद अगले 21 दिनों तक भीतर चंदन यात्रा उत्सव का आयोजन होता है, जिसके अंतर्गत मंदिर में ही विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान चार अवसरों पर, अमावस्या, पूर्णिमा की रात, षष्ठी और शुक्ल पक्ष की एकादशी को चंचल सवारी होती है।

Latest Videos

क्यों की जाती है चंदन यात्रा? (Why is Jagannath Chandan Yatra taken out?)
मान्यता है कि वैशाख और ज्येष्ठ में पड़ने वाली भीषण गर्मी के कारण भगवान जन्नाथ परेशान होते हैं, इस दौरान उन्हें इस भीषण गर्मी से बचाने के लिए चंदन का लेप किया जाता है। 42 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान भक्त भगवान को ठंडा करने के लिए अलग-अलग व्यवस्था करते हैं ताकि भीषण गर्मी से भगवन को राहत मिल सके।

नरेंद्र तीर्थ तालाब का महत्व
जिस स्थान पर ये दुर्घटना हुई, वो नरेंद्र तीर्थ तालाब कहलाता है। इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में गजपति कपिलेंद्र देव के भाई नरेंद्र देव ने करवाया था, जो उस समय पुरी के राजा थे। भगवान जगन्नाथ की चंदन यात्रा से जुड़े होने के कारण इस तालाब का एक नाम चंदना पुष्करिणी भी है।


ये भी पढ़ें-

क्या माता-पिता के कर्मों का फल संतान को भोगना पड़ता है?


Shani Jayanti 2024: जून 2024 में मनाई जाएगी शनि जयंती, ये 5 उपाय करने से दूर होंगी साढ़ेसाती-ढय्या वालों की परेशानी


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market