
Pitru Dosh Shanti Upay: ज्योतिष शास्त्र में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं, इनमें से अमावस्या भी एक है। इस तिथि के स्वामी पितृ हैं। इसलिए इस तिथि पर पितरों की शांति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इस बार अगहन मास की अमावस्या 30 नवंबर, शनिवार की सुबह 10:30 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 01 दिसंबर, रविवार की सुबह 11:51 तक रहेगी। जानें इनमें से किस दिन करें पितृ दोष के उपाय…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पितरों की शांति के लिए श्राद्ध आदि कर्म दोपहर में 12 बजे के लगभग करने का विधान है। चूंकि अगहन मास की अमावस्या 30 नवंबर, शनिवार को दोपहर में रहेगी, इसलिए इसी दिन पितृ शांति के लिए उपाय करना श्रेष्ठ रहेगा।
1. पितरों की शांति के लिए 30 नवंबर, शनिवार को सुलगते हुए कंडों पर घी-गुड़ डालकर ऊं पितृ देवतायै नम: मंत्र बोलें। ऐसा 5 बार करें। इसके बाद हथेली में जल लेकर अंगूठे के जरिए जमीन पर छोड़ दें। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
2. अगहन अमावस्या के दिन यानी 30 नवंबर को गाय को हरा चारा खिलाएं। कुत्ते को रोटी दें और मछलियों के लिए तालाब या नदी में आटे को गोलियां बनाकर डालें। साथ ही पक्षियों के लिए छत पर अनाज और पानी रखें। इससे भी पितृ दोष शांत होता है।
3. किसी ब्राह्मण को पत्नी सहित घर बुलाकर भोजन करवाएं और उसे दक्षिणा, कपड़े, बर्तन आदि देकर ससम्मान विदा करें। ये भी पितृ दोष शांति का आसान उपाय है।
4. पितृ दोष शांति के लिए अमावस्या पर विधि-विधान से श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि कर सकते हैं।
5. पितृ दोष की शांति के लिए अमावस्या तिथि पर जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े आदि चीजों का दान करें।
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