Akshaya Tritiya 2024 Date: कब है अक्षय तृतीया 2024, क्यों इस तिथि को मानते हैं इतना शुभ?

Published : May 02, 2024, 10:03 AM ISTUpdated : May 09, 2024, 05:49 PM IST
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सार

Akshaya Tritiya 2024 Kab Hai: ज्योतिष शास्त्र में 4 अबूझ मुहूर्तों के बारे में बताया गया है, अक्षय तृतीया भी इनमें से एक है। और भी कई कारणों से इस तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन सोना खरीदने का भी विशेष महत्व है। 

Akshaya Tritiya 2024 Significance: हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इसे आखा तीज भी कहते हैं। इस बार ये पर्व 10 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ तिथि माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपाय, पूजा, यज्ञ-हवन आदि बहुत ही जल्दी शुभ फल देते हैं। आखिर क्यों अक्षय तृतीया को इतना शुभ माना जाता है, आगे जानिए इसके 4 कारण…

साल के 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक
ज्योतिष शास्त्र में साल में 4 अबूझ मुहूर्तों के बारे में बताया गया है यानी इन 4 तिथियों पर बिना मुहूर्त के भी शादी विवाह आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं। ये 4 अबूझ मुहूर्त हैं- देवउठनी एकादशी, भड़ली नवमी, अक्षय तृतीया और वसंत पंचमी। अक्षय का अर्थ है संपूर्ण यानी इस दिन जो भी व्यक्ति दान, हवन-यज्ञ आदि करता है, उसे उसका संपूर्ण फल प्राप्त होता है।

परशुराम जयंती भी इसी दिन
धर्म ग्रंथों भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया तिथि पर ही हुआ था। हर साल इस तिथि पर भगवान परशुराम के भक्त ये पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान परशुराम अमर हैं यानी वे आज भी जीवित हैं और किसी गुप्त स्थान पर रहकर तपस्या कर रहे हैं। परशुराम जी का जन्म दिवस होने के कारण ही ये तिथि इतनी शुभ है।

त्रेता युग का आरंभ भी इसी दिन
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया से ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था। त्रेतायुग का महत्व अनेक पुराणों में बताया गया है। त्रेता युग में ही भगवान श्रीराम का जन्म भी हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के नर और नारायण का अवतार भी अक्षय तृतीया पर ही हुआ था। इसी तिथि से भगवान श्रीगणेश ने महाभारत का लेखन शुरू किया था।

इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। आदि गुरु शंकराचार्य ने इसी तिथि पर कनकधारा स्त्रोत की रचना की थी, जिससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न हुई थीं। कनक का अर्थ है सोना। इसलिए इस दिन सोने की खरीदी भी विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना घर में सुख-समृद्धि लेकर आता है।



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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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