Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat: 3 नवंबर को भाई दूज पर तिलक लगाने के 4 शुभ मुहूर्त

Published : Nov 03, 2024, 08:17 AM IST
bhai dooj tilak muhurat 2024

सार

भाईदूज तिलक शुभ मुहूर्त 2024: दिवाली के बाद भाई दूज का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को घर पर भोजन के लिए बुलाती हैं और तिलक लगाकर उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। 

Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat: दीपावली 5 दिनों का उत्सव है। इसके अंतिम दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 3 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। ये पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि कई नामों से जाना जाता है। इस दिन बहन द्वारा अपने भाइयों को तिलक लगाने का विशेष महत्व है। आगे जानिए भाई दूज पर कैसे करें भाई को तिलक और शुभ मुहूर्त आदि की पूरी डिटेल…

भाई दूज 2024 का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2024 Tilak Vidhi)

- भाई दूज से पहले बहन अपने भाइयों को उनके परिवार सहित घर जाकर भोजन के लिए आमंत्रित करें। यदि भाई दूज पर भाइयों को बुलाना संभव न हो तो इसके बाद किसी अन्य शुभ दिन भी भाइयों को बुला सकती हैं।
- जब भाई उनके परिवार सहित आ जाएं तो उनके लिए पसंद का भोजन बनाएं। साथ ही में कुछ मीठा भी जरूर होना चाहिए। भाई को परिवार सहित उचित स्थान पर बैठाकर प्रेम से भोजन करवाएं।
- भोजन करवाने के बाद भाई-भाभी और उनके पुत्र-पुत्रियों को कुमकुम से तिलक करें और चावल लगाएं। हाथ में नारियल भी दें। अगर भाई छोटा है तो शकुन के रूप में थोड़े पैसे भी जरूर दें।
- भाई के पूरे परिवार को एक स्थान पर बैठाकर उनकी आरती करें। साथ ही भगवान से उनकी सुख-समृद्धि के लिए कामना करें। इस तरह भाई दूज का पर्व मनाने से भाई-बहन दोनों को सुख मिलता है।

भाई दूज 2024 पर तिलक के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं… (Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat)

- सुबह 11:48 से दोपहर 12:32 तक
- दोपहर 01:10 से 03:22 तक
- शाम 05:43 से 07:20 तक
- शाम 07:20 से 08:57 तक


ये भी पढ़ें-

Bhai Dooj Ki Katha: क्यों मनाते हैं भाई दूज? जानें कथा और शुभ मुहूर्त


3 नवंबर को करें चित्रगुप्त पूजा 2024, जानें पूजा विधि-मंत्र और मुहूर्त


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

PREV

Recommended Stories

Unique Temple: इस मंदिर में आज भी गूंजती है श्रीकृष्ण की बांसुरी की आवाज, रहस्यमयी है ये जगह
किन लोगों को दिखाई देते हैं भूत-प्रेत? जानें जन्म कुंडली से