चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को: सूतक में क्या करें-क्या नहीं? जानें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से

Published : Sep 04, 2025, 12:29 PM IST

Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर, रविवार को साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक मान्य होगा। सूतक के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही होती है। जानें सूतक में क्या करें-क्या नहीं?

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चंद्र ग्रहण के सूतक में क्या करें-क्या करने से बचें?

Chandra Grahan Mai Kya Kare Kya Nahi: हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को अशुभ माना गया है। मान्यता है कि ग्रहण का बुरा असर देश-दुनिया के साथ-साथ लोगों पर भी होता है। इसके अशुभ फल से बचने के लिए ग्रहण के सूतक के काल के दौरान कुछ खास करने की मनाही होती है। मान्यता है कि सूतक में ये काम करने से निकट भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आगे उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए 7 सितंबर को होने वाला चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से कब तक रहेगा और इस दौरान क्या करें-क्या नहीं…


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7 सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण और सूतक काल का समय

7 सितंबर, रविवार को चंद्र ग्रहण रात 9:57 से शुरू होगा, जो मध्य रात्रि 1:27 तक रहेगा। लेकिन ग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनिट से ही शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के साथ ही समाप्त होगा। यानी 7 सितंबर को दोपहर 12:57 के बाद सूतक से जुड़े सभी नियमों का पालन करना होगा।


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सूतक में कौन-से काम न करें?

1. ग्रहण के सूतक काल के दौरान किसी भी तरह की पूजा-पाठ न करें। ऐसा करना अशुभ माना गया है।
2. जब चंद्र ग्रहण का समय हो तो उस समय घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए और न नंगी आंखों से ग्रहण को देखना चाहिए।
3. सूतक काल के दौरान भोजन बनाने और खाने की भी मनाही है।
4. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर भी घर से न निकलें। इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर हो सकता है।
5. सूतक काल में बिस्तर पर लेटने और सोने की भी मनाही है।

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सूतक में कौन-से काम कर सकते हैं?

1. इस बार श्राद्ध पक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है, जिसके चलते पिंडदान, तर्पण आदि सूतक शुरू होने से पहले ही कर लें।
2. सूतक शुरू होने से पहले भगवान के मंदिर को परदे से ढंक दें।
3. सूतक के दौरान अपने ईष्टदेव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
4. सूतक शुरू होने से पहले खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें ताकि बाद में भी खाने योग्य रह सकें।
5. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन विशेष रूप से करना चाहिए।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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