Halharini Amavasya 2024: कब है हलहारिणी अमावस्या, क्यों खास है ये तिथि, किसकी पूजा होती है इस दिन?

Halharini Amavasya 2024 Kab Hai: आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। ये तिथि किसानों के लिए बहुत ही खास मानी गई है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ, श्राद्ध आदि कर्म भी किए जाते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Jun 27, 2024 9:33 AM IST

Halharini Amavasya Importance: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 अमावस्या होती है। इनके नाम और महत्व भी अलग-अलग होते हैं। इनमें से आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इस तिथि का महत्व कईं धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये तिथि जुलाई 2024 में है। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए इस बार कब है हरहारिणी अमावस्या…

कब है हलहारिणी अमावस्या 2024 (Halharini Amavasya 2024 Kab Hai)
पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या 5 जून, शुक्रवार की सुबह 04 बजकर 58 मिनिट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 6 जुलाई, शनिवार की सुबह 04 बजकर 27 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अमावस्या तिथि का सूर्योदय 5 जुलाई, शुक्रवार को होगा, इसलिए इसी दिन हलहारिणी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ध्रुव और पद्म नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।

क्यों खास है हलहारिणी अमावस्या? (Significance of Halharini Amavasya)
हलहारिणी में जो हल शब्द आया है वो खेती में उपयोग किए जाने वाला एक यंत्र है। प्राचीन काम में हल के बिना खेती करना संभव नहीं था। आषाढ़ मास में ही बारिश का मौसम भी होता है जो खेती के लिए उपयुक्त है। इसी समय किसान हल से खेत जोतते हैं और बुआई आदि कार्य करते हैं। अच्छी बारिश से फसल पकती है, इसी से किसानों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हलहारिणी अमावस्या पर ही किसान अपने खेती के उपकरणों की पूजा करते हैं, जिनमें हल प्रमुख होता है।

क्या-क्या कर सकते हैं हलहारिणी अमावस्या? (Halharini Amavasya Par Kya Kare)
1. हलहारिणी अमावस्या पर पौधे लगाना विशेष शुभ माना जाता है। इस समय लगाए गए पौधे बारिश का पानी मिलने से जल्दी ही बड़े हो जाते हैं और फल व छाया प्रदान करते हैं।
2. हलहारिणी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि कार्य भी करने चाहिए, इससे पितरों की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।
3. शुभ फल पाने के लिए हलहारिणी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और इसके बाद जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।



 

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