International Yoga Day 2024: हर साल की तरह इस साल भी 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाएगा। वर्तमान समय में योग लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है या यूं कहें कि ये लाइफ स्टाइल में शामिल हो चुका है तो गलत नहीं होगा।
Interesting facts related to Maharishi Patanjali: 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। योग भारत की ही देन है जो आज संपूर्ण विश्व में फैला हुआ है। योग को बुलंदियों पर पहुंचाने में महर्षि पतंजलि का महत्वपूर्ण योगदान है। महर्षि पतंजलि को आधुनिक योग का जनक भी कहा जाता है। महर्षि पतंजलि से जुड़ी ऐसी कईं बातें हैं, जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर जानिए महर्षि पतंजलि से जुड़ी खास बातें…
कहां हुआ था महर्षि पतंजलि का जन्म?
पुरातत्व विद्वान नारायण व्यास के अनुसार, करीब 200 ईसा पूर्व महर्षि पतंजलि का जन्म उत्तर प्रदेश के गोंदरमऊ नामक स्थान पर हुआ था, महर्षि पतंजलि द्वारा लिखे गए महाभाष्य से इस बात की पुष्टि होती है। कुछ समय यहां करने के बाद यहां पतंजिल बिहार के मगध इलाके में चले गए थे। शोध से पता चला है कि गोंदरमऊ कौशांबी (उत्तर प्रदेश) से उज्जैन (मध्य प्रदेश) के बीच किसी मार्ग पर स्थित था।
यही की थी अष्टांग योग की रचना
शोधकर्ताओं के मानना है कि गोंदरमऊ में ही महर्षि पतंजलि संसार के पहले योग ग्रंथ अष्टांग योग की रचना की यानी इसके पहले योग पर कोई भी दस्तावेज लिखित रूप में नहीं था। इस ग्रंथ में योग के बारे में काफी विस्तार पूर्वक बताया गया है। भारतीय साहित्य में महर्षि पतंजलि द्वारा लिखे गए 3 ग्रंथ और मिलते हैं- योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य और आयुर्वेद पर ग्रन्थ।
इन्हें मानते हैं शेषनाग का अवतार
महर्षि पतंजलि के बारे में ये प्रचलित है कि इनका जन्म माता के अंजुली के जल के सहारे धरती पर नाग बालक के रूप में हुआ था। माता गोणिका के अंजुली से पतन होने के कारण उन्होंने इनका नाम पतंजलि रखा था। ऋषि को नाग से बालक होने के कारण शेषनाग का अवतार भी माना जाता है। इसलिए कुछ चित्रों में इनका स्वरूप शेषनाग से मिलता-जुलता पाया जाता है।
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