Sheetala Puja 2024: शीतला सप्तमी-अष्टमी पर जरूर सुनें ये कथा, तभी मिलेगा व्रत-पूजा का पूरा फल

Sheetala Puja Katha: इस बार शीतला सप्तमी का व्रत 1 अप्रैल, सोमवार को किया जाएगा और शीतला अष्टमी व्रत 2 अप्रैल को। इन दोनों दिन देवी शीतला की पूजा का विधान है। इनकी पूजा में ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है। 

 

Sheetala Mata Ki Katha: धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि पर शीतला माता की पूजा की जाती है। इस बार शीतला सप्तमी की पूजा 1 अप्रैल, सोमवार को और अष्टमी की पूजा 2 अप्रैल, मंगलवार को की जाएगी। इस दिन देवी शीतला को ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है। देवी शीतला से जुड़ी अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं। शीतला सप्तमी पर देवी शीतला की कथा जरूर सुननी चाहिए, तभी व्रत-पूजा का पूरा फल मिलता है। आगे जानिए देवी शीतला की कथा…

ये है देवी शीतला की कथा (Story Of Sheetala Mata)
किसी गांव में एक ब्राह्मण परिवार रहता थे। उस परिवार में माता-पिता के अलावा दो बेटे और 2 बहुएं भी थीं। शादी के बाद काफी समय बाद बहुओं को संतान हुई। संतान प्राप्ति के लिए जब पहली बार शीतला सप्तमी का व्रत आया तो पूजा के ठंडा भोजन बनाया गया।
तब दोनों बहुओं ने सोचा कि हम यदि ठंडा खाना खाएंगी तो हमारे बच्चे बीमार हो सकते हैं। ये सोचकर उन्हें बिना सास को बताए गर्म भोजन बना लिया और चुपके से खा भी लिया। जब उनकी सास घर आई तो कहा कि बच्चों को सोते-सोते काफी देर हो गई है, जाकर उन्हें उठा लो।
जैसे ही बहुएं बच्चों को उठाने गई तो देखा कि दोनों बच्चे मृत हैं। सास के द्वारा पूछने पर दोनों बहुओं ने उन्हें पूरी बात सच-सच बता दी। सास समझ गई कि ये सब शीतला माता के प्रकोप से हुआ है। सास ने दोनों बहुओं को घर से निकाल दिया और कहा कि ‘बच्चों को जिंदा लेकर ही घर लौटना।’
दोनों बहुएं बच्चों को टोकरी में रख घर से निकल पड़ी। रास्ते में एक पेड़ के नीचे दो बहनें बैठी थी जिनका नाम ओरी और शीतला था। दोनों के बालों में जूं थी, जिसे उन दोनों बहुओं ने निकाल दिया। प्रसन्न होकर उन्होंने कहा कि ‘तुम दोनों ने हमारे मस्तक को शीतल किया है वैसे ही तुम्हें पेट की शांति मिले।’
तब दोनों बहुओं ने कहा कि ‘हम दोनों देवी शीतला की खोज में भटक रही है, लेकिन हमें उनके दर्शन नहीं हुए।’ तभी वहां बैठी शीतला ने कहा कि ‘तुम दोनों ने शीतला सप्तमी पर गर्म खाना था, जिसकी वजह से तुम्हारे बच्चों की ये हालत हुई है।’ बहुएं समझ गईं कि ये कोई और नहीं देवी शीतला ही हैं।
दोनों बहुओं ने माता शीतला की पूजा और अपनी गलती पर माफी मांगी। प्रसन्न होकर शीतला माता ने उनके पुत्रों को जीवित कर दिया। दोनों बहुएं अपने पुत्रों को जीवित लेकर गांव में आईं पूरी बात अपनी सास और गांव वालों को बताई। तब गांव वालों ने मिलकर वहां शीतला माता का मंदिर बनवा दिया।

Latest Videos

 

ये भी पढ़ें-

Ram Navmi Kab Hai: चैत्र रामनवमी कब है 2024 में? जानें पूजा मुहूर्त


Kab Hai Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ संयोग, दान-पूजा-उपाय के लिए इससे बेहतर दिन और कोई नहीं


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से Kejriwal - Hemant Soren के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
Christmas 2024: आखिर क्रिसमस पर चुपके से ही क्यों गिफ्ट देता है सेंटा क्लॉज ? । Santa Claus Story
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun