Kainchi Dham Mela: स्टीव जॉब्स और जुकरबर्ग भी आ चुके हैं कैंची धाम, क्यों मानते हैं इसे चमत्कारी स्थान?

Kainchi Dham Mela: 15 जून, गुरुवार को उत्तराखंड के नैनीताल (Nainital) के पास स्थित बाबा नीम करौली (Baba Neem Karauli) के प्रसिद्ध कैंची धाम का 59वां स्थापना दिवस है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में भक्त वहां पहुंच चुके हैं।

 

उज्जैन. हमारे देश में अनेक महान संत हुए, उन्हीं में से एक थे नीम करौली बाबा (Baba Neem Karauli) । इन्हें हनुमानजी का साक्षात अवतार माना जाता है। इनके चमत्कारों के कई किस्से प्रसिद्ध हैं। नैनीताल (Nainital) के समीप स्थित कैंची धाम (Kainchi Dham) मंदिर बाबा नीम करौली से ही संबंधित है। आज भी लोगों को यहां बाबा के होने का अहसास होता है। हर साल 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर यहां बाबा नीम करौली के लाखों भक्त आते हैं। इस साल भी ये आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

कौन थे बाबा नीम करौली? (Who was Baba Neem Karauli?)
बाबा नीम करौली एक रहस्यवादी संत थे जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। कहते हैं कि 17 साल की उम्र में ही बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। इसके बाद बाबा ने कुछ ऐसे चमत्कार दिखाए जिसके बाद लोग इन्हें हनुमानजी का अवतार मानने लगे। बाबा की चमत्कारों पर कई किताबें भी लिखी गई हैं।

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कैसे पड़ा उनका ये नाम? (Interesting things related to Baba Neem Karauli)
जैसे-जैसे बाबा नीम करौली की प्रसिद्धि फैलती गई, वैसे-वैसे इनके भक्तों की संख्या भी बढ़ती गई। बाबा अक्सर नीम के पत्तों का सेवन करते थे, जिसके चलते भक्त उन्हें बाबा नीम करौली बोलने लगे। बाबा का कहना था कि नीम से बड़ी कोई औषधि नहीं है। यही कारण है कि कैंची धाम में आज भी नीम के अनेक वृक्ष देखे जा सकते हैं।

स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग भी आ चुके हैं यहां (Steve Jobs and Mark Zuckerberg have also come to Kainchi Dham)
बाबा नीम करौली के कैंची धाम की महिमा इतनी है कि यहां एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) भी आ चुका हैं। कहते हैं कि साल 1974 में स्टीव जॉब्स कैंची धाम आश्रम आए थे। लेकिन इसके पहले साल 1974 में बाबा नीम करोली अपनी देह त्याग चुके थे। स्टीव जॉब्स नैनीताल के कैंचीधाम में काफी दिन ठहरे। इसके बाद अमेरिका लौटकर उन्होंने एप्पल कंपनी की स्थापना की। कुछ ऐसी ही कहानी फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की भी है।

आध्यात्मिक शक्तियों का केंद्र है कैंची धाम आश्रम
बाबा नीम करौली के कैंची धाम आश्रम को आध्यात्मिक शक्तियों का केंद्र माना जाता है। यही कारण है कि देश-दुनिया के बड़े-बड़े बिजनेस मैन, सेलिब्रेटी और लीडर यहां आते हैं। बाबा नीम करौली ने चौधरी चरण सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था, जो बाद में सच हुआ। ऐसे एक नहीं अनेक उदाहरण है जब बाबा ने लोगों से आशीर्वाद दिया और वह सच साबित हुआ।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

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