Karwa Chauth 2025: वैसे तो करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए है लेकिन कुछ स्थानों पर कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत करती हैं। क्या ऐसा करना शास्त्र के अनुसार सही है, जानें क्या कहते हैं धर्म ग्रंथ?
इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को किया जाएगा। इस व्रत का इंतजार हर सुहागिन महिला को होता है। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से पति की उम्र लंबी होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, लेकिन क्या ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं? ये प्रश्न सभी के मन में उठता है। इस बारे में धर्म ग्रंथों में स्पष्ट रूप से बताया गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानें इस सवाल का जवाब…
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार करवा चौथ का व्रत वैसे तो सुहागिन महिलाओं के लिए है लेकिन कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत कर सकती हैं। गणेश और स्कंद पुराण में इसके बारे में बताया गया है। कुंवारी लड़कियां मनचाहे जीवनसाथी के लिए करवा चौथ का व्रत कर सकती हैं। जिन लड़कियों की सगाई हो चुकी है, वे भी अपने भावी जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए ये व्रत कर सकती हैं। कुंवारी लड़कियों को इस व्रत को करने में कोई मनाही नहीं है।
गणेश पुराण के अनुसार करवा चौथ व्रत का असली नाम कर्क चतुर्थी है। जरूरी नहीं कि ये व्रत सिर्फ महिला हीं करें, बल्कि पुरुष भी ये व्रत कर सकते हैं। ये व्रत मूल रूप से भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है जिससे कि उनकी कृपा हम पर बनी रहे और घर-परिवार के लोगों में सामंजस्य बना रहे। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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करवा चौथ व्रत का महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। लेकिन सिर्फ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही पति-पत्नी के वैवाहिक सुख से जोड़कर करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इसके पीछे कारण है कि साल में सिर्फ यही चतुर्थी ऐसी है जब चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होता है। रोहिणी चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी भी है। इसलिए करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।