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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर कब निकलेगा चंद्रमा? जानें पूजा विधि, मुहूर्त, आरती और कथा
Karwa Chauth 2025: इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इस पर्व का महिलाओं को विशेष रूप से इंतजार रहता है। जानें इस पर्व से जुड़ी खास बातें।

जानें करवा चौथ 2025 से जुड़ी हर बात
Karwa Chauth Par Kab Niklega Chand: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है, इसे करक चतुर्थी भी कहते हैं। इस पर्व का महिलाओं को विशेष रूप से इंतजार रहता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत करती हैं यानी दिन भर कुछ भी खाती पीती नहीं है। आगे जानें कैसे करें ये व्रत, इसकी विधि, शुभ मुहूर्त, कथा से जुड़ी हर बात…
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करवा चौथ 2025 शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के व्रत में महिलाएं भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा करती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, करवा चौथ पर भगवान श्रीगणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 49 मिनिट से 09 बजकर 45 मिनिट तक रहेगा। चंद्रमा का उदय रात रात 08 बजकर 33 मिनिट के लगभग होगा। अलग-अलग शहरों में चंद्रमा उदय के समय में परिवर्तन हो सकता है।
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कैसे करें करवा चौथ व्रत? जानें मंत्र और पूजा विधि
- 10 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह व्रत करने वाली महिलाएं जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। निर्जला व्रत करना चाहती हैं तो वैसा संकल्प लें।
- दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें जैसे किसी से विवाद न करें, गलत विचार मन में न लाएं, खाने-पीने के बारे में न सोचें। किसी की बुराई या चुगली आदि न करें।
- शाम को शुभ मुहूर्त से पहले घर में किसी स्थान की अच्छे की सफाई करें। और गंगाजल छिड़कर इसे पवित्र कर लें। पूजा की सामग्री एक स्थान पर एकत्रित कर लें।
- शुभ मुहूर्त में लकड़ी के बाजोट पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पास ही में मिट्टी के करवे में पानी भरकर रखें। सबसे पहले श्रीगणेश को तिलक लगाएं।
- इसके बाद भगवान को फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद अबीर-गुलाल, चावल, सुपारी आदि चीजें एक-एक करके भगवन को चढ़ाते रहें।
- भगवान श्रीगणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं। अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं। करवा चौथ की कथा सुनें और सके बाद भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से आरती करें।
- चंद्रमा उदय होने पर कुंकुम, चावल, फूल आदि चढ़ाकर इसकी भी पूजा करें और शुद्ध जल से अर्घ्य दें। पति को भी तिलक लगाएं और पैर छूकर आशीर्वाद लें।
- इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर महिलाएं अपना निर्जला व्रत पूर्ण करें। इसके बाद परिवार के अन्य बुजुर्ग जैसे सास-ससुर आदि के पैर छूकर भी आशीर्वाद लें।
- इस तरह करवा चौथ का व्रत करने से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है और घर-परिवार में खुशहाली रहती है। करवा चौथ का व्रत वैवाहिक जीवन की परेशानी दूर करता है।
श्रीगणेश की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
करवा चौथ व्रत की कथा
करवा चौथ से जुड़ी एक कथा है, जो इस प्रकार है, ‘किसी गांव में एक ब्राह्मण रहता था। उसके 7 बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम वीरावती था। समय आने पर ब्राह्मण ने योग्य वर से वीरावती का विवाह कर दिया। करवा चौथ पर वीरावती ने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत किया लेकिन भूख सहन न कर पाने के कारण वह बेहोश हो गई। तब उसके भाइयों ने पेड़ के पीछे से मशाल जालकर उसे कहा कि चंद्रोदय हो गया है। भाइयों की बात मानकर वीरावती ने भोजन कर लिया, जिससे उसके पति की मृत्यु हो गई। देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने धरती पर आकर जब ये देखा तो उन्होंने वीरावती से अगली बार पुन: करवा चौथ व्रत करने को कहा। इस व्रत के प्रभाव से वीरावती का पति दोबारा जीवित हो गया और दोनों पति-पत्नी सुखपूर्वक रहने लगे।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।