किन 7 तरह के लोगों का मजाक उड़ाना पड़ सकता है भारी? भूलकर भी न करें ऐसी गलती

Manu Smriti Life Management: कईं बार हम जाने-अनजाने में बेवजह ही लोगों का मजाक उड़ा देते हैं। कुछ मामलों में ऐसा करना ठीक नहीं है। मनु स्मृति में बताया गया है कि हमें किन लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

 

Manu Smriti Life Management: हंसना मनुष्य होने की निशानी है, लेकिन कईं बार हम कुछ लोग लोगों का मजाक उड़ा देते हैं जो या तो सम्मान के योग्य होते हैं या सहानुभूति के। मनु स्मृति के एक श्लोक में बताया गया है कि हमें किन लोगों का मजाक भूलकर भी नहीं उड़ाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करता है वह समाज में रहने योग्य नही माना जाता। आगे जानिए कौन-हैं वे लोग जिनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए…

श्लोक
हीनांगनतिरिक्तांगन्विद्याहीनान्वयोधिकान्।
रूपद्रव्यविहीनांश्च जातिहीनांश्च नाक्षिपेत्।

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अर्थ- जो हीन अंग वाले, अधिक अंग वाले, अशिक्षित, आयु में बड़े, कुरूप, गरीब और छोटी जाति के लोगों का मजाक भूलकर भी नहीं उड़ाना चाहिए।

हीन यानी कम अंग वाले
हीन अंग यानी ऐसे लोग जिनके शरीर का कोई हिस्सा या तो है ही नहीं या अधूरा है जैसा- लूला, लंगड़ा, काना आदि। मनु स्मृति के अनुसार, ऐसे लोग सहानुभूति के पात्र होते हैं, इसलिए भूलकर भी इनका मजाक नहीं उड़ना चाहिए बल्कि इनकी मदद करना चाहिए।

अधिक अंग वाले
कुछ लोगों के शरीर में अधिक अंग होते हैं जैसे किसी के हाथ में 6 उंगलियां होती हैं किसी के पैर में। शरीर में अधिक अंग होने के कारण इन लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि उनकी ये स्थिति जन्मजात होती है। उनका मजाक उड़ाकर हम परम पिता परमेश्वर का अपमान करते हैं।

अशिक्षित यानी बिना पढे़-लिखे
मनु स्मृति के अनुसार, कभी भी किसी अनपढ़ व्यक्ति का मजाक इस कारण नहीं उड़ाना चाहिए कि वह पढ़-लिख नहीं सकता। ऐसे व्यक्ति का मजाक उड़ा कर हम उसे दुख पहुंचाते हैं, जो कि हमें नहीं करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति यदि परेशानी में हो तो उसकी मदद करना चाहिए।

आयु में बड़े यानी बुजुर्ग
जो भी व्यक्ति हमसे उम्र में बड़ा है वह सदैव आदर-सम्मान करने योग्य है। नैतिक शिक्षा भी यही कहती है। इसलिए हमें भूलकर भी अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। ऐसा करने से हमने नैतिक स्तर से गिर जाते हैं।

कुरूप यानी जो सुंदर न हो
मनु स्मृति के अनुसार किसी भी व्यक्ति का मजाक उसके चेहरे के कारण नहीं उड़ाना चाहिए। हमें व्यक्ति के रंग-रूप को ध्यान में न रखते हुए उसके चरित्र के गुणों को देखना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरे की कुरुपता पर हंसता है वह अपने निकट भविष्य में परेशानी का सामना करता है।

गरीब यानी जिसके पास धन न हो
अगर कोई व्यक्ति गरीब है यानी उसके पास पर्याप्त धन नहीं है तो इस वजह से भी उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। कुछ लोग जन्म से ही अमीर होते हैं, वहीं कुछ गरीब भी होते हैं। गरीब लोग मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। इसलिए वह किसी भी रूप में मजाक उड़ाने योग्य नहीं है।

छोटी जाति के लोग
जाति आधारित व्यवस्था इंसानों ने बनाई है, भगवान ने नहीं। भगवान द्वारा दी गई चीजें जैसे हवा, पानी और धरती इंसानों में जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती तो हमें भी जाति के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और न ही किसी का मजाक उड़ाना चाहिए।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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