Nirjala Ekadashi 2023 Date: कब किया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत, इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी क्यों कहते हैं?

Nirjala Ekadashi 2023 Date: इस बार निर्जला एकादशी का व्रत मई 2023 में किया जाएगा। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी का वर्णन कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है।

 

Manish Meharele | Published : May 12, 2023 11:46 AM IST / Updated: May 30 2023, 12:34 PM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है। एक महीने में 2 एकादशी होती है, इस हिसाब में एक साल में कुल 24 एकादशी का योग बनता है। इन सभी के नाम और महत्व अलग-अलग हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2023) कहते हैं। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी कहा जाता है। आगे जानिए इस बार कब किया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत…

इस दिन किया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत (Kab Hai Nirjala Ekadashi 2023 Vrat)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 मई, मंगलवार की दोपहर 01:08 से 31 मई, बुधवार की दोपहर 01:46 तक रहेगी। चूंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 31 मई को होगा, इसलिए इसी दिन ये व्रत किया जाएगा। व्रत का पारणा अगले दिन यानी 1 जून की सुबह किया जाएगा।

इसे क्यों कहते हैं साल की सबड़े बड़ी एकादशी?
निर्जला एकादशी में बिना पानी पिए व्रत करने का विधान है। इस समय भीषण गर्मी होती है। ऐसे मौसम में बिना पानी और भोजन के पूरे दिन रहना बिल्कुल भी आसान नहीं है। इस एकादशी के नियम साल भर की सभी एकादशियों में से सबसे कठिन होते हैं। यही कारण है कि इस एकादशी को साल की सबड़े बड़ी एकादशी कहते हैं। ऐसा भी कहते हैं कि जो व्यक्ति साल भर एकादशी व्रत न करते हुए सिर्फ इस एक दिन ही पूरी श्रद्धा और नियम से ये व्रत करे तो उसे साल भर की एकादशी का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है।

इसे भीमसेनी एकादशी क्यों कहते हैं? (Bhimseni Ekadashi 2023 Kab Hai)
निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं, इसके पीछे एक कथा है, उसके अनुसार, एक बार महर्षि वेदव्यास पांडवों से मिलने हस्तिनापुर आए। यहां उन्होंने पांडवों को एकादशी तिथियों का महत्व बताया और व्रत करने को कहा। व्रत की बात सुनकर भीमसेन ने कहा कि ‘हे गुरुदेव, मेरे लिए तो एक समय भूखा रहना भी मुश्किल है, ऐसी स्थिति में क्या मैं एकादशी व्रत के पुण्य से वंचित रहा जाऊंगा।’ भीम की बात सुनकर महर्षि वेदव्यास ने कहा कि ‘तुम ज्येष्ठ मास में आने वाली निर्जला एकादशी का ही व्रत यदि कर लोगे तो तुम्हें साल भर की एकादशी का पुण्य फल प्राप्त हो जाएगा।’ भीमसेन सिर्फ निर्जला एकादशी का ही व्रत करते थे। इसलिए इस एकादशी का नाम भीमसेनी एकादशी भी है।


ये भी पढ़ें-

Budh Grah Uday 2023: बुध ग्रह के उदय होने से शुरू हुए 4 राशि वालों के शुभ दिन, क्या आपको भी मिलेगा किस्मत का साथ?


सूर्यास्त के बाद न करें इन 5 चीजों का दान, नहीं तो बने रहेंगे कंगाल


Shiv Chaturdashi May 2023: मई 2023 में एक ही दिन किए जाएंगे प्रदोष और शिव चतुर्दशी व्रत, जानें क्यों होगा ऐसा?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!