Panchak June 2023: 9 जून की सुबह शुरू होगा चोर पंचक, शाम को भद्रा का संयोग, भूलकर भी न करें ये 3 काम
Panchak June 2023: पंचक के बारे में कम सभी कभी न कभी जरूर सुनते हैं। पंचक को लोग अशुभ समय मानते है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसमें कुछ विशेष काम करने की मनाही होती है, शेष काम किए जा सकते हैं। इस बार पंचक 9 जून से शुरू होगा।
इस बार 9 जून, शुक्रवार की सुबह से चोर पंचक (Panchak June 2023) शुरू हो जाएगा, वहीं शाम को भद्रा आरंभ हो जाएगी। इन दोनों को ही अशुभ माना गया है। पंचक में कुछ विशेष काम करने की मनाही है, वहीं भद्रा में भी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, से जानिए ये पंचक कब से कब तक रहेगा और इस दौरान कौन-कौन से काम न करें…
कब से शुरू होगा पंचक? (Panchak June 2023 Date)
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, पंचक का आरंभ 9 जून, शुक्रवार की सुबह 06.02 से होगा, जो 13 जून, मंगलवार की दोपहर 01.32 तक रहेगा। वहीं 9 जून की शाम को भद्रा शाम 04. 20 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 10 जून, शनिवार की दोपहर 03:09 तक रहेगी। इस तरह 2 दिन पंचक और भद्रा का संयोग बनेगा। भद्रा और पंचक में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है, यदि आप वे कार्य करते हैं तो उसका अशुभ परिणाम प्राप्त होता है।
चोर पंचक नाम क्यों? (Chor Panchak Naam Kyo)
9 जून से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाएगा, इसके पीछे कई ज्योतिष कारण छिपे हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, अलग-अलग वारों से शुरू होने वाले पंचक को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में पंचक के कुल 5 नाम बताए गए हैं। इसके अनुसार, रविवार से शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है। सोमवार से शुरू होने वाले पचंक को राज पंचक कहते हैं। इसी तरह मंगलवार से शुरु होने वाले पंचक को अग्नि और शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। वहीं शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं।
जानें चोर पंचक में क्या न करें? (Chor Panchak Mai Kya Na Kare)
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, हर पंचक का अपना अलग महत्व और मान्यताएं हैं। अन्य पंचक की तरह चोर पंचक में कुछ विशेष कार्य करने की मनाही है। अगर ये काम किए जाएं तो जल्दी ही इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आगे जानिए चोर पंचक में क्या न करें… 1. चोर पंचक के दौरान गलती से भी यात्रा न करें। नहीं तो यात्रा में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 2. चोर पंचक में बिजनेस से जुड़ा कोई भी सौदा यानी डील न करें। 3. चोर पंचक में पैसों से जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी लेन-देन न करें।
क्या होता है पंचक? (kay Hota Hai Panchak)
प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त यानी काल और समय का विशेष महत्व माना गया है। मुहूर्त में ग्रह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर किसी भी कार्य के लिए शुभ-अशुभ होने पर विचार किया जाता है। उसी के अनुसार कुछ नक्षत्रों में कोई विशेष कार्य करने की मनाही रहती है। धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती भी ऐसे ही पांच नक्षत्रों का एक समूह है। धनिष्ठा के प्रारंभ होने से लेकर रेवती नक्षत्र के अंत समय को पंचक कहते हैं।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।