
Pitru Paksha 2025: 17 सितंबर यानी आज से शुरू हो रहा है और 2 अक्टूबर सर्वपितृ अमावस्या को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष में दान का विशेष महत्व माना जाता है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में अपने पितरों के नाम पर दान अवश्य करना चाहिए, जिससे महान पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन, इसके अलावा, कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिनका दान पितृ पक्ष में नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान केवल पितरों का तर्पण और दान ही शुभ माना जाता है। कोई भी नया कार्य, उत्सव या खरीदारी अशुभ फल दे सकती है। ऐसे में हमें नया घर खरीदने से बचना चाहिए, छत की ढलाई नहीं करवानी चाहिए, सोना-चाँदी खरीदने से बचना चाहिए। इस दौरान नया खाता-बही या नया व्यवसाय शुरू करना शुभ नहीं माना जाता है। विवाह और अन्य शुभ कार्यों से भी बचना चाहिए।
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प्रतिदिन सूर्योदय से पहले एक जूड़ी लें और उसे दक्षिण दिशा में पीपल के पेड़ के नीचे रखें। एक लोटे में थोड़ा गंगाजल और बाकी में सादा जल भरें। लोटे में थोड़ा दूध, चीनी, काले तिल और जौ डालें। कुशा जूड़ी पर चम्मच से 108 बार जल डालें और हर चम्मच जल पर इस मंत्र का जाप करते रहें।
पितृ पक्ष के दौरान यदि कोई पशु-पक्षी आपके घर आए, तो उसे भोजन अवश्य कराना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूर्वज इन रूपों में आपसे मिलने आते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पत्ते की थाली में भोजन करें और ब्राह्मणों को भी पत्ते की थाली में भोजन कराएं, तो यह फलदायी होता है।
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