Pitru Paksha 2025: कब है पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि, इस दिन किसका श्राद्ध करें-किसका नहीं?

Published : Sep 16, 2025, 02:23 PM IST
Pitru Paksha 2025

सार

Pitru Paksha 2025: इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 21 सितंबर तक रहेगा। पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि बहुत ही खास मानी गई है। महाभारत में इस तिथि के बारे में कईं रहस्य बताए गए हैं। 

Kab Hai Pitru Paksha 2025 Ki Chaturdashi Tithi: परंपरा के अनुसार, श्राद्ध पक्ष 16 दिन के होते हैं। इन 16 दिन में चतुर्दशी तिथि को छोड़कर अन्य सभी दिन तिथि के अनुसार मृत परिजनों का श्राद्ध करना चाहिए। यानी अगर परिवार में किसी की सामान्य रूप से मृत्यु चतुर्दशी तिथि पर हुई हो तो उसका श्राद्ध इस तिथि पर करने से बचना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे अपने जीवन में कईं तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आगे जानिए इस बार कब है चतुर्दशी तिथि, इस दिन किन मृतकों का श्राद्ध करें और किसका नहीं?

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कब है पितृ पक्ष 2025 की चतुर्दशी तिथि?

पंचांग के अनुसार इस बार श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी तिथि 20 सितंबर, शनिवार को है। महाभारत में भीष्म पितामाह ने इस तिथि के बारे में कईं रहस्य बताए हैं। उसके अनुसार, इस तिथि पर उन मृत परिजनों का श्राद्ध भूलकर भी नहीं करना चाहिए, जिनकी मृत्यु स्वभाविक रूप से हुई हो। ऐसा करने से श्राद्ध करने वाला विवादों में घिर जाता है और उसे अपने जीवन में कईं तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर किसका करें श्राद्ध?

महाभारत के अनुसार, पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर उन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए जिनकी मृत्यु किसी शस्त्र से या घटना-दुर्घटना में हुई हो। ऐसे पितरों का मृत्यु ज्ञात हो या न हो, उन सभी का श्राद्ध इसी तिथि पर करने का विधान है। ऐसा करने से उन सभी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए इस तिथि को शस्त्राघात श्राद्ध का नाम दिया गया है।

कब करें चतुर्दशी पर मृत हुए परिजनों का श्राद्ध?

महाभारत के अनुसार, जिन पितरों की मृत्यु चतुर्दशी तिथि पर स्वभावित रूप से हुई हो, उनकी आत्मा की शांति के लिए सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से वे अपने वंशजों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि का महत्व भी महाभारत में भीष्म पितामाह ने पांडवों को बताया है। इस बार सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध 21 सितंबर, रविवार को किया जाएगा।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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