Pitru Paksha 2025: कब है कुंवारा पंचमी, इस दिन किन मृत परिजनों का श्राद्ध करें?

Published : Sep 09, 2025, 11:20 AM IST
kunwara panchami 2025

सार

Kunwara Panchami 2025: पितृ पक्ष की पंचमी तिथि को कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस दिन उन परिजनों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है। इस तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है।

Kab Hai Kunwara Panchami 2025: इस बार पितृ पक्ष 7 से 21 सितंबर तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। पितृ पक्ष के दौरान मृत परिजनों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है, ऐसी मान्यता है। पितृ पक्ष के दौरान कईं विशेष तिथियां आती हैं, इन्हीं में से एक है पंचमी तिथि। इसे कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस दिन उन मृत परिजनों का श्राद्ध करना चाहिए, जिनकी मृत्यु अविवाहित यानी कुंवारी अवस्था में हुई हो। ऐसा करने ज्ञात-अज्ञात सभी अविवाहित पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। जानें इस बार कब है कुंवारा पंचमी और इस दिन कैसे श्राद्ध करें…

ये भी पढ़ें-
Pitru Paksha 2025: कुशा की अंगूठी पहनकर ही क्यों करते हैं श्राद्ध-पिंडदान?

कब है कुंवारी पंचमी 2025?

पंचांग के अनुसार, इस बार श्राद्ध पक्ष की पंचमी और षष्ठी का संयोग एक ही दिन बन रहा है। इसलिए पंचमी और षष्ठी तिथि दोनों का ही श्राद्ध 12 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा। इस दिन भरणी नक्षत्र दिन भर रहेगा। इस नक्षत्र में किए जाने वाले श्राद्ध को महाभरणी श्राद्ध कहते हैं। इस श्राद्ध का फल गया-पुष्कर के समान माना गया है। पंचमी तिथि पर श्राद्ध करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है, ऐसा महाभारत में लिखा है।

ये भी पढ़ें-
Pitru Paksha 2025: सबसे पहले किसने किया था श्राद्ध, किसने शुरू की ये परंपरा?

इस विधि से करें पंचमी तिथि का श्राद्ध

- पंचमी तिथि की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और जिस स्थान पर श्राद्ध करना है, उसे गाय के गोबर से लीपकर और गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।
- घर के आंगन में रांगोली बनाएं, इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं। महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। भोजन में खीर जरूर होनी चाहिए।
- इस दिन भोजन के लिए अविवाहित ब्राह्मण को बुलाना चाहिए। ब्राह्मण के कहे अनुसार विधि-विधान से श्राद्ध करें। श्राद्ध के दौरान पितरों का स्मरण करें।
- पितरों के निमित्त अग्नि में खीर व अन्य भोजन पदार्थ थोड़ी-थोड़े अर्पित करें। गाय, कुत्ता, कौआ व अतिथि के लिए भोजन से चार ग्रास अलग से निकालें।
- ब्राह्मण को आदर पूर्वक भोजन करवाएं। वस्त्र, बर्तन, छाता और दक्षिणा देकर व सम्मान पूर्वक घर के दरवाजे तक छोड़ कर आएं।
- इस प्रकार विधि-विधान से कुंवारा पंचमी का श्राद्ध करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती और व पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?
Purnima Dates: साल 2026 में 12 नहीं 13 पूर्णिमा, नोट करें डेट्स