UAE में शरिया कानून तो वहां कैसे बना हिंदू मंदिर? जानें अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर की पूरी स्टोरी

BAPS Temple Inauguration In Abu Dhabi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को दुबई की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस मंदिर को BAPS ने बनाया है। इस मंदिर को बनाने का विचार 1997 में आया था और आज ये बनकर तैयार हो चुका है।

 

Prime Minister Narendra Modi in Abu Dhabi: किसी मुस्लिम देश में भव्य हिंदू मंदिर बनना एक सपने जैसा है, लेकिन ये सच हो चुका है। संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE की राजधानी अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 14 फरवरी को इसका उद्घाटन करेंगे। इस मंदिर का निर्माण BAPS यानी बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने करवाया है। UAE जैसे इस्लामिक देश में मंदिर बनाने का विचार किसे आया और ये कैसे बना? आगे जानिए इस मंदिर के बनने की पूरी कहानी…

1997 में आया विचार, आज बनकर तैयार
बात 1997 की है, तब बहरीन में पहले हिंदू मंदिर के उद्घाटन हुआ, जिसे BAPS ने बनवाया था। उस कार्यक्रम में BAPS के आचार्य प्रमुख स्वामी महाराज गए हुए थे। उस समय अबू धाबी में BAPS से जुड़े लोग एक छोटे से मकान में मूर्तियां रखकर भगवान की पूजा करते थे। तभी स्वामी महाराज ने विचार किया कि अबू धाबी में भी एक मंदिर होना चाहिए। इस काम का जिम्मा UAE के प्रमुख ब्रह्म बिहारी स्वामी को सौंपा गया। उनकी टीम इस काम के लिए जुट गई और आज परिणाम सबके सामने है।

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6 साल बाद मिली जमीन
1997 में आए विचार को मूर्त रूप देने के लिए UAE में रह रही BAPS की टीम दिन-रात जुटी रही। सबकुछ फाइनल होने के बाद 2012 में मंदिर के लिए जमीन तलाशने का काम शुरू हुआ। राष्ट्रपति और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर के लिए जमीन दान देने का वादा दिया। 2018 में दुबई सरकार ने BAPS को मंदिर के लिए 13.5 एकड़ जमीन दी। साथ ही निर्माण सामग्री आदि रखने के लिए 13.5 एकड़ जमीन अतिरिक्त दी गई। इस तरह ये मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है।

कैसे तय हुआ मंदिर का डिजाइन?
BAPS प्रमुख स्वामी महाराज चाहते थे कि ये अबू धाबी में बन रहा ये मंदिर नागर शैली में बने। इस मंदिर के लिए कई डिजाइन बनाई गई। अब समस्या ये थी कि UAE में शरिया कानून चलता है, यहां मूर्ति पूजा नहीं होती। ऐसी स्थिति में कलश वाला मंदिर बनाया बनाना मुश्किल लग रहा था। जब ये बात क्राउन प्रिंस को बताई गई तो उन्होंने कहा कि ‘आप अपनी भारतीय शैली में जैसा मंदिर बनाना चाहते हैं, वैसा बनाइए। कोई आपको नहीं रोकेगा।’ तो इस तरह कलश वाले मंदिर का डिजाइन फाइनल किया गया।

भगवान ने भी दिया साथ, जमीन के नीचे मिली चट्टान
जब मंदिर के लिए जमीन तय हो गई तो वहां रेत ही रेत थी, जिसके ऊपर पत्थरों का मंदिर बनाना कठिन था। जब मंदिर की नींव बनाने के लिए रेत की खुदाई की गई तो पता चला कि वहां जमीन के नीचे कई किलोमीटर तक लंबी-चौड़ी चट्टान है। तो इस तरह ये चिंता भी भगवान ने दूर कर दी। अबू धाबी में बना मंदिर 700 करोड़ रुपए की लागत से बना है UAE में इस मंदिर को बनाने के पीछे कारण है कि 35 लाख से भी ज्यादा भारतीय लोग रहते हैं और उनमें से 20 प्रतिशत अबू धाबी में रहते हैं।

राजस्थान में बनी हैं मूर्तियां
इस मंदिर में जो भी मूर्तियां लगाई गई हैं, उन्हें राजस्थान के सिरोही और डूंगरपुर जिले में बनाया गया है, क्यों यहां BAPS की वर्कशॉप है। जहां हजारों कारीगर मूर्ति बनान का काम करते हैं। इन मूर्तियां को पानी के जहाज से अबू धाबी लाया गया और यहां लाकर जोड़ा गया। खास बात ये है कि 20 अप्रैल 2019 को महंत स्वामी महाराज और प्रधानमंत्री मोदी ने ही इस मंदिर का शिलान्यास किया था और आज 14 फरवरी 2024 को ये दोनों ही इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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