
Mahakal Sawari Live 26 August 2024: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित भगवान महाकाल का मंदिर अपनी परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां हर साल सावन और भादौ मास मे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए यहां लाखों लोग आते हैं। आज 26 अगस्त, सोमवार को भगवान महाकाल की छठी सवारी निकाली गई। इस दिन जन्माष्टमी होने से ये पर्व और भी खास हो गया।
4 बजे बाहर निकली बाबा की पालकी
तय समय के अनुसार, भगवान महाकाल को चांदी की पालकी में बैठाकर शाम 4 बजे मंदिर परिसर से बाहर लाया गया। इसके पहले कोटितीर्थ के समीप बने हॉल में विधिवत पूजन किया गया है। पालकी के बाहर आते ही सशस्त्र पुलिस के जवानों ने बाबा महाकाल को सलामी दी। सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां टंकी चौक, गोपाल मंदिर होते हुए शाम को लगभग 7 बजे सवारी ने पुन: मंदिर में प्रवेश किया। बाबा महाकाल की शाही सवारी 2 सितंबर, सोमवार को निकलेगी।
श्रीकृष्ण रूप में सजे महाकाल
जन्माष्टमी के मौके पर भगवान महाकाल का श्रीकृष्ण के रूप में आकर्षक सिंगार किया गया है। 26 अगस्त, सोमवार की सुबह पहले भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया है और इसके पंडितों ने बाबा महाकाल को कृष्ण के रूप में सजाया। भगवान महाकाल को मोरपंख का मुकुट पहनाया गया और वैष्णव तिलक से विशेष सिंगार किया गया। भगवान महाकाल का कृष्ण रूप में सिंगार साल में सिर्फ एक दिन ही होता है।
700 किलो फूलों से सजा महाकाल मंदिर
जन्माष्टमी के मौके पर महाकाल मंदिर की विशेष सजा-सज्जा भी की गई। गर्भगृह में फूलों का सिंहासन बनाया गया। दीवारों पर पर फूलों की लडियां लगाई गईं जो देखने में काफी आकर्षक लग रही थी। फूलों से बनी मटकी भी यहां लगाई गई। इस सजावट के लिए लगभग 700 किलो अलग-अलग वैरायटी के फूलों का उपयोग किया गया, जिसमें चायनीज गुलाब, जिप्सी, कामिनी, पान, कमल और मोर पंख शामिल हैं।
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