अर्जुन को किसने दिया था किन्नर बनने का श्राप? जानें महाभारत की रोचक कथा

Published : Oct 24, 2024, 04:12 PM IST
mahabharat-facts-who-gave-arjun-curse-to-become-a-kinnar

सार

mahabharat interesting facts: महाभारत में अनेक श्रापों की कथा मिलती है। अर्जुन को भी एक अप्सरा ने किन्नर बनने का श्राप दिया था, लेकिन वह श्राप अर्जुन के लिए वरदान साबित हुआ। जानें अर्जुन को मिले इस श्राप की पूरी कथा 

Unheard story of Mahabharata: महाभारत के अनुसार, कौरवों से जुएं में हारने के बाद पांडवों को 12 साल तक वनवास और 1 साल तक अज्ञातवास में रहना पड़ा। अज्ञातवास के दौरान सभी पांडवों अपना-अपना रूप बदलकर विराट नगर में रहे। इस दौरान अर्जुन एक बृहन्नला यानी किन्नर बन गए थे। अर्जुन जैसा पराक्रमी योद्धा कैसे एक किन्नर बन गया, इससे जुड़ी एक कथा भी महाभारत में मिलती है। आगे विस्तार से जानिए क्या है ये कथा…

जब अर्जुन गए दिव्यास्त्रों की खोज में

जब पांडव 12 साल के वनवास पर थे, तब एक दिन भगवान श्रीकृष्ण उनसे मिलने वन में गए। बातों ही बातों में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि 12 साल बाद तुम्हारा युद्ध कौरवों से अवश्य होगा, उस समय तुम्हें दिव्यास्त्रों की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए तुम अभी से प्रयास करो और महादेव को अपनी तपस्या से प्रसन्न कर लो। श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन महादेव को प्रसन्न करने निकल पड़े। अर्जुन ने अनेक सालों तक वन में रहते हुए महादेव के लिए घोर तपस्या की।

जब अर्जुन से प्रसन्न हो गए महादेव

जब अर्जुन महादेव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे थे, उस समय भगवान शंकर एक शिकारी के रूप में अर्जुन से मिले। अर्जुन और महादेव के बीच युद्ध भी हुआ, जिसमें अर्जुन पराजित हो गए। अर्जुन समझ गए कि ये कोई और नहीं बल्कि साक्षात महादेव ही हैं। तब महादेव अपने वास्तविक स्वरूप में आए और उन्होंने अर्जुन को अनेक दिव्यास्त्र भी दिए। महादेव ने अर्जुन से ये भी कहा कि शेष दिव्यास्त्र तुम्हें स्वर्ग में देवताओं के पास मिलेंगे।

जब अर्जुन पहुंच गए स्वर्ग

दिव्यास्त्रों की खोज में अर्जुन स्वर्ग पहुंच गए। वहां देवराज इंद्र ने उनका स्वागत किया और देवताओं के कईं दिव्य अस्त्र-शस्त्र भी उन्हें प्रदान किए। देवराज इंद्र ने अर्जुन को संगीत और नृत्य सीखने के लिए चित्रसेन के पास भेजा। चित्रसेन ने इंद्र का आदेश पाकर अर्जुन को संगीत और नृत्य की कला में निपुण कर दिया।

उर्वशी ने दिया था अर्जुन को श्राप

स्वर्ग में उर्वशी नाम की अप्सरा अर्जुन पर मोहित हो गई। उर्वशी ने अर्जुन के सामने अपने मन की बात कही, लेकिन पुरु वंश (अर्जुन के पूर्वज) की जननी होने के कारण अर्जुन ने उन्हें माता के समान बताया। ये सुनकर उर्वशी को क्रोध आ गया और उन्होंने अर्जुन को किन्नर बनने का श्राप दे दिया। जब ये बात अर्जुन ने देवराज इंद्र को बताई तो उन्होंने कहा कि ये श्राप सिर्फ एक वर्ष तक ही रहेगा।

कैसे ये श्राप बन गया वरदान?

जब अर्जुन सहित सभी पांडव अज्ञातवास के दौरान रूप बदलकर विराट नगर में रह रहे थे, उस समय अर्जुन उर्वशी द्वारा दिए गए श्राप के कारण किन्नर बन गए। विराट नगर में किन्नर बनकर उन्होंने राजकुमारी उत्तरा को नृत्यु और गायन की शिक्षा भी दी। एक वर्ष के बाद अर्जुन पुन: अपने वास्तविक रूप में आ गए यानी पुरुष बन गए।


ये भी पढ़ें-

क्या भीम ने सचमुच पीया था दु:शासन की छाती का खून? जानें इस रहस्य का सच


युद्ध से पहले क्यों आत्महत्या करना चाहता था दुर्योधन? छोड़ दिया था खाना-पीना


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV

Recommended Stories

Hanuman Ashtami 2025: हनुमानजी कैसे हुए अमर, क्या है इनके भाइयों के नाम? जानें 5 फैक्ट
Rukmini Ashtami 2025: कैसे करें देवी रुक्मिणी की पूजा? जानें मंत्र, मुहूर्त सहित हर बात