Sankashti Chaturthi 2025 Moonrise Time: विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर कब उदय होगा चंद्रमा?

Published : Sep 09, 2025, 03:09 PM IST
Sankashti Chaturthi 10 september 2025 moonrise time

सार

Vighnaraj Sankashti Chaturthi 2025: इस बार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 10 सितंबर, बुधवार को किया जाएगा। इस दिन चंद्रमा उदय होने का समय सभी जानना चाहते हैं। आगे जानिए 10 सितंबर 2025 को होगा होगा चंद्रोदय?

Vighnaraj Sankashti Chaturthi Par Kab Niklega Chandrma: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये चतुर्थी व्रत 10 सितंबर, बुधवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए व्रत-पूजा करती हैं। शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही ये व्रत पूर्ण होता है, इसलिए महिलाओं को चंद्रोदय होने का बेसब्री से इंतजार रहता है। आगे जानिए विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर कब होगा चंद्रोदय…

ये भी पढ़ें-
इस कथा को सुने बिना नहीं मिलेगा विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत का फल

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025 पर कितनी बजे निकलेगा चंद्रमा?

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 10 सितंबर, बुधवार को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा रात को लगभग 8 बजकर 06 मिनिट पर उदय होगा। अलग-अलग शहरों के हिसाब से चंद्रोदय के समय में आंशिक परिवर्तन हो सकता है। चंद्रमा के उदय होने पर महिलाएं इसकी पूजा कर अपना व्रत पूर्ण कर सकती हैं।
 

ये भी पढ़ें-
Sankashti Chaturthi 2025: विघ्नराज संकष्टी पर कैसे करें पूजा? जानें विधि और मंत्र

कैसे करें चंद्रमा की पूजा?

वैसे तो चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं लेकिन इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की रात जब चंद्रमा उदय हो जाए तो सबसे पहले चंद्रमा को शुद्ध जल से अर्घ्य दें। फिर कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं। हाथ जोड़कर चंद्रदेव से व्रत का पूरा फल देने के लिए प्रार्थना करें।

अगर चांद दिखाई न दे तो क्या करें?

इन दिनों बारिश का मौसम चल रहा है, इसलिए संभव कुछ शहरों में बादलों के कारण चंद्रमा दिखाई न दें। इस स्थिति में चंद्रोदय के समय के कुछ देर बाद चंद्रोदय की दिशा में पूजा कर अपना व्रत पूरा कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको व्रत का पूरा फल मिलेगा।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का महत्व

अनेक धर्म ग्रंथों में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का महत्व बताया गया है। स्वयं भगवान श्रीगणेश ने इसके बारे में अपनी माता देवी पावर्ती को बताया है। उसके अनुसार, ‘जो भी भक्त विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, उसके सभी संकट यानी विघ्न दूर हो जाते हैं। विघ्नों को दूर करने के चलते ही इस व्रत का नाम विघ्नराज रखा गया है। जीवन में किसी तरह की विपत्ति न आए, इसलिए विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखना चाहिए।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 6 दिसंबर 2025: बुध बदलेगा राशि, कब से कब तक रहेगा अभिजीत मुहूर्त? जानें डिटेल
घर में हो तुलसी का पौधा तो न करें ये 5 गलतियां, वरना पछताएंगे