
Kab Se Shuru Hoga Holashtak 2025: हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है। इसके पहले के 8 दिनों का होलाष्टक कहते हैं। होलाष्टक को अशुभ समय मानकर इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं किए जाते। होलाष्टक से जुड़ी और भी कईं मान्यताएं और परंपरा हैं। आगे जानिए इस बार कब से शुरू होगा होलाष्टक और इससे जुड़ी अन्य बातें…
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उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, इस बार होलाष्टक की शुरूआत 7 मार्च, शुक्रवार से होगी, जो 14 मार्च तक रहेगा। इसके अगले दिन से यानी 15 मार्च, शनिवार से चैत्र मास शुरू हो जाएगा। होलाष्टक के 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश, सगाई आदि कार्य नहीं किए जाते।
होलाष्टक से जुड़ी एक कथा है, उसके अनुसार, दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यिपु भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानता था, वहीं हिरण्यकश्यिपु का पुत्र प्रह्लाद विष्णुजी का परम भक्त था। हिरण्यकश्यिपु को जब ये पता चला तो उसने प्रह्लाद को कईं बार समझाया लेकिन ऐसा न होने पर उसने अपने पुत्र को मारने का निर्णय लिया। हिरण्यकश्यिपु ने प्रह्लाद को मारने के लिए 8 दिन तक उसे यातनाएं दीं। इन्हीं 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि होलाष्टक में ग्रहों का स्वभाव बहुत उग्र यानी अशुभ फल देने वाला हो जाता है, इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
1. होलाष्टक में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें
2. जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार दान करें।
3. शिवलिंग पर रोज जल चढ़ाएं।
4. ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा दें।
5. होलाष्टक में रोज गाय का चारा खिलाएं।
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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।