Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर 4 ग्रह बनाएंगे 2 दुर्लभ योग, सालों में एक बार आता है धन लाभ का ऐसा मौका

Shri Krishna Janmashtami 2022 Date: भगवान श्रीकष्ण विष्णुजी के प्रमुख अवतार कहे जाते हैं। ये अवतार द्वापरयुग में हुआ था। उस समय कंस आदि राजाओं के अत्याचार से धरती पर पाप बढ़ गया था और धर्म की हानि हो रही थी। 
 

Manish Meharele | Published : Aug 17, 2022 3:32 AM IST / Updated: Aug 17 2022, 10:19 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (Janmashtami 2022) को हुआ था। हर साल इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार इस पर्व को लेकर मतभेद की स्थिति बन रही है। जिसके चलते कुछ स्थानों पर 18 अगस्त को कुछ स्थानों पर 19 अगस्त को ये पर्व मनाया जाएगा। हालांकि उत्तर प्रदेश के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में ये पर्व 19 अगस्त, शुक्रवार को ही मनाया जाएगा। काशी विद्वत परिषद का भी यही कहना है ये जन्माष्टमी पर्व 19 अगस्त को ही मनाया जाना चाहिए। आगे जानिए जन्माष्टमी से जुड़ी खास बातें…  

कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि? (Janmashtami 2022 Date)
धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि यानी 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार अष्टमी तिथि 18 अगस्त, गुरुवार की रात 09:21 से 19 अगस्त, शुक्रवार की रात लगभग 11 बजे तक रहेगी। काशी विद्वत परिषद के अनुसार, 18 अगस्त को अष्टमी तिथि सूर्योदय के वक्त नहीं रहेगी बल्कि रात में रहेगी। वहीं, 19 को अष्टमी तिथि में ही दिन की शुरुआत होगी और रात में भी रहेगी। इसलिए शुक्रवार को ही भगवान का जन्मोत्सव मनाना बेहतर है। 

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नहीं बनेगा रोहिणी नक्षत्र का संयोग (Janmashtami 2022 Shubh Yog)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस समय सूर्य सिंह राशि में, चंद्रमा वृष राशि में था। साथ ही उस समय रोहिणी नक्षत्र भी था। इस बार सूर्य और चंद्रमा तो इन्हीं राशियों में रहेंगे, लेकिन रोहिणी नक्षत्र न तो 18 अगस्त को रहेगा और न ही 19 अगस्त को। 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र रात करीब 01.53 पर रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा। यानी इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं रहेगा।

अति दुर्लभ संयोग में मनेगा जन्माष्टमी पर्व (Janmashtami 2022) 
उज्जैन के ज्योतिाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके साथ ही ध्रुव नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। 19 अगस्त को चंद्रमा और मंगल एक ही राशि में रहेंगे, जिससे महालक्ष्मी योग बनेगा। साथ ही इस दिन सूर्य और बुध भी एक ही राशि में होने से बुधादित्य नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। इन शुभ योगों में की गई पूजा और उपाय धन लाभ देने वाले रहेंगे।


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