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Janmashtami 2022 Upay: दुर्भाग्य से हैं परेशान तो जन्माष्टमी पर कृष्णा को जरूर चढ़ाएं ये 10 चीजें
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शंख को देवी लक्ष्मी का सहोदर कहा गया है जिसका अर्थ है भाई। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में शंख का उपयोग जरूर किया जाता है और अगर ये शंख दक्षिणार्वती हो तो बहुत ही शुभ रहता है। जन्माष्टमी पर दक्षिणावर्ती शंख भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें और उन्हीं के साथ रखकर रोज पूजा करें।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में रक्षा सूत्र भी जरूर चढ़ाना चाहिए। रक्षा सूत्र चढ़ाने से भगवान और भक्त के बीच एक आत्मीय रिश्ता बनता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को रक्षा सूत्र चढ़ाने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
वैसे तो हमारे देश में कई तरह की पंजीरी बनाई जाती है लेकिन भगवान श्रीकृष्ण को धनिए की पंजीरी का भोग लगाया जाता है। इसे सूखे धनिए को पीसकर उसमें शक्कर का पूरा मिलाया जाता है। साथ ही इसमें सूखे मेले जैसे काजू, बादाम भी डाले जाते हैं। ये भोग भी श्रीकृष्ण को अति प्रिय है। इस प्रसाद तो मनभोग भी कहते हैं।
बिना बांसुरी के भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी भेंट करें। और इसे हमेशा उनके मूर्ति या तस्वीर के निकट ही रहने दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बांसुरी से निकलने वाली पॉजिटिव एनर्जी घर के दोष को दूर कर सकती है।
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को पीले फल जैसे- केला, आम आदि का भोग लगाने से भी भक्त की हर इच्छा पूरी हो सकती है। पीला रंग गुरु ग्रह का बताया जाता है। अगर गुरु से संबंधित शुभ फल पाना हो तो भगवान श्रीकृष्ण को पीले फल का भोग लगाने से आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण को मोरमुकुटधारी भी कहते हैं यानी मोर मुकुट धारण करने वाला। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख भी अर्पित करना चाहिए। बाद में इस मोर पंख को अपनी तिजोरी में रख लेना चाहिए। इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं और आपको आर्थिक परेशानी दूर हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में पंचामृत विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। इसे गाय के दूध, दही, घी, शहद व शक्कर मिलाकर तैयार किया जाता है। आयुर्वेद में भी पंचामृत को फायदेमंद बताया गया है। इसका सेवन करने से कई तरह की बीमारियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं। पंचामृत भी भगवान को विषेश रूप से चढ़ाना चाहिए।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय है, इसलिए जन्माष्टमी पर जिस भी चीज का भोग लगाएं, उसमें तुलसी के पत्ते जरूर रखें। अगर किसी कारण वश भोग न भी लगा पाएं तो सिर्फ तुलसी के पत्ते चढ़ाने से भी श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।
भगवान श्रीकृष्ण को कई तरह का भोग लगाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से माखन-मिश्री जरूर अर्पित की जाती है। धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है कि भगवान को ताजा मक्खन और मिश्री बहुत प्रिय है। जन्माष्टमी पूजन में आप भगवान को माखन- मिश्री का भोग जरूर लगाएं।
भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम पीतांबरधारी भी है। इसका अर्थ है पीले वस्त्र पहनने वाला। जन्माष्टमी के शुभ मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को पीले वस्त्र जरूर अर्पित करें और बाद में इसे किसी योग्य ब्राह्मण को दे दें। इससे इन्हें हर काम में सफलता मिल सकती है।
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