Varalakshmi Vrat 2022: धन लाभ के लिए 5 अगस्त को इस विधि से करें वरलक्ष्मी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त व महत्व

हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई व्रत किए जाते हैं। वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत श्रावण मास के अंतिम शुक्रवार को किया जाता है। इस बार ये योग 5 अगस्त को बन रह है।

Manish Meharele | Published : Aug 5, 2022 3:40 AM IST

उज्जैन. इस बार 5 अगस्त, शुक्रार को वरलक्ष्मी व्रत किया जाएगा। ऐसी मान्यता है इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है, खासतौर पर पैसों से जुड़ी। यह व्रत वैसे तो दक्षिण भारत में बड़े पैमाने पर किया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे पूरे भारत में अब ये व्रत किया जाने लगा लगा है। विष्णु और नारद पुराण आदि ग्रंथों में भी इस व्रत का महत्व बताया गया है। वर का अर्थ है वरदान और लक्ष्मी का अर्थ है धन-वैभव। यानी इस व्रत को करने से देवी लक्ष्मी की कृपा सहज रूप से हमें प्राप्त हो जाती है। आगे जानिए इस व्रत से जुड़ी अन्य खास बातें…

वरलक्ष्मी पूजन मुहूर्त (Varalakshmi Vrat 2022 Shubh Muhurat)
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.06 से 12.59 तक 
शुभ - प्रात: 6 से 7.38 तक 
लाभ - दोप. 12.33 से 2.11 तक 
अमृत-  दोप. 2.11 से 3.49 तक 
शुभ-  5.27 से 7.05 तक 
अमृत-  सायं 7.05 से 8.27 तक 

शुभ योग में किया जाएगा वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat 2022 Shubh Yog)
इस बार वरलक्ष्मी व्रत 5 अगस्त को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार इस दिन 1 नहीं बल्कि 4 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन पहले स्वाती नक्षत्र होने से गद और उसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। वरलक्ष्मी व्रत के दिन स्वाति नक्षत्र और शुभ योग रहने से पूजा-व्रत समृद्धि में वृद्धि करने वाला रहेगा।

इस विधि से करें वरलक्ष्मी व्रत की पूजा (Varalakshmi Vrat 2022 Puja Vidhi)
- शुक्रवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। दिन भर कुछ खाएं नहीं (संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं)। दिन में जब भी समय मिले उस शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें।
- घर के किसी साफ स्थान पर एक चौकी बनाएं। इसके ऊपर देवी लक्ष्मी का चित्र स्थापित करें। माता लक्षमी की मूर्ति या चित्र को कपड़े, आभूषण आदि चीजें चढ़ाएं। एक घड़े में पानी भर कर प्याले में रख दें और कलश के चारों ओर चंदन लगाएं।
- कलश के पास पान, सुपारी, सिक्का, आम के पत्ते आदि रख दें। इसके बाद नारियल पर चंदन, हल्दी, कुमकुम लगाकर कलश पर रख दें। थाली में लाल कपड़े, चावल, फल आदि चीजें रखकर देवी लक्ष्मी को अर्पित करें। 
- मां की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और वरलक्ष्मी व्रत की कथा भी पढ़ें, पूजा समाप्ति के बाद महिलाओं को प्रसाद बांटें। इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।


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