
Hasin Jahan Supreme Court Petition: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच चल रहे गुजारा भत्ता विवाद में एक नया कदम उठाया है। अदालत ने शमी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों को नोटिस जारी किया है, क्योंकि हसीन जहां ने अपने और अपनी बेटी को मिलने वाले मासिक भत्ते में बढ़ोतरी की मांग की है। अब तक उन्हें ₹400000 गुजारा भत्ता दिया जाता था, लेकिन उनका मानना है कि ये रकम बहुत कम है, उन्हें 10 लाख रुपए दिया जाना चाहिए।
1 जुलाई 2025 को कोलकाता हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को आदेश दिया था कि वो हर महीने अपनी एक्स वाइफ हसीन जहां को चार लाख रुपये गुजारा भत्ता देंगे, जिसमें से डेढ़ लाख हसीन जहां को और ढाई लाख रुपये उनकी बेटी आयरा जहां को दिया जाएगा। लेकिन, अब हसीन जहां ने इस रकम को कम बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद शमी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों को चार हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर 2025 में होगी।
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सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही के दौरान हसीन जहां से पूछा गया कि क्या चार लाख रुपये प्रति माह पर्याप्त नहीं है? हाई कोर्ट का आदेश काफी आकर्षक लगता है यानी रकम पहले से ठीक-ठाक है। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं दिया है। उसने शमी और पश्चिम बंगाल सरकार से 4 हफ्ते में जवाब तलब किया है।
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दूसरी तरफ हसीन जहां के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि मोहम्मद शमी वर्ल्ड क्रिकेट की बड़े खिलाड़ी है। वो करोड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक हैं, उनके पास लग्जरी कार और आलीशान घर है। ऐसे में उनकी लाइफस्टाइल को देखते हुए 4 लाख प्रति माह की रकम बहुत कम है। उन्होंने कहा कि मेरी क्लाइंट हसीन जहां एक सामान्य जीवन जी रही हैं, जबकि उनके पति शानदार लाइफस्टाइल अपनाते हैं। ऐसे में उन्हें और उनकी बेटी को उचित आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। बता दें कि हसीन जहां और मोहम्मद शमी के बीच 2018 से कानूनी विवाद चल रहा है, हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, तब से दोनों अलग रह रहे हैं।