हॉकी क्वीन रानी रामपाल का अलविदा, 14 की उम्र में ही गाड़ दिए थे झंड़े

भारतीय हॉकी की स्टार खिलाड़ी रानी रामपाल ने 15 साल के शानदार करियर के बाद संन्यास ले लिया है। टोक्यो ओलंपिक में टीम का नेतृत्व करने वाली रानी ने 254 मैचों में 205 गोल किए।

नई दिल्ली: भारत की स्टार हॉकी खिलाड़ी और पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने अपने 15 साल के करियर को अलविदा कह दिया है। 2008 में 14 साल की उम्र में भारतीय टीम में शामिल हुईं रानी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। रानी रामपाल ने 2008 में 14 साल की उम्र में ओलंपिक क्वालीफायर वर्ष में ही भारतीय महिला हॉकी टीम में पदार्पण किया था। 

रानी रामपाल भारत की सबसे सफल हॉकी खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने 2021 के टोक्यो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल किया था। एशियाई खेलों, एशिया कप, एशियाई चैम्पियनशिप, जूनियर विश्व कप पदक विजेता टीम में भी रानी शामिल थीं। 

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"यह एक शानदार सफर रहा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतने लंबे समय तक भारत के लिए खेलूंगी। मैंने अपने बचपन में बहुत गरीबी देखी है। लेकिन यह मेरे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लक्ष्य में बाधा नहीं बनी", रानी रामपाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन दिनों को याद किया।

29 वर्षीय रानी ने भारत के लिए 254 मैच खेले हैं और 205 गोल किए हैं। उन्हें ध्यानचंद खेल रत्न और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय सब जूनियर महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था।

 

जर्सी नंबर 28 भी रिटायर: रानी रामपाल के अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने के बाद हॉकी इंडिया ने उनकी जर्सी नंबर 28 को भी रिटायर कर दिया है। रानी रामपाल के भारतीय महिला हॉकी टीम में योगदान को देखते हुए जर्सी नंबर 28 को रिटायर किया गया है।

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