बुडापेस्ट (हंगरी): चेस की दुनिया में भारतीयों का दबदबा अब किसी से छुपा नहीं है। सालों से भारत इस खेल में नए मुकाम हासिल कर रहा है और अब एक बार फिर भारत ने इतिहास रच दिया है। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित चेस टूर्नामेंट, चेस ओलंपियाड में भारत की पुरुष और महिला दोनों ही टीमों ने पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है।
बुडापेस्ट में रविवार को समाप्त हुए 45वें चेस ओलंपियाड में भारत की दोनों टीमों ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। पिछली बार यानी 2022 में भारत में हुए ओलंपियाड में दोनों टीमों ने कांस्य पदक जीते थे। इस बार डी. गुकेश, आर. प्रज्ञानानंद, विदित गुजराती, अर्जुन एरिगेसी और पी. हरिकृष्णा की पुरुष टीम ने ओपन सेक्शन में 21 अंक हासिल करते हुए 189 देशों के टूर्नामेंट में पहला स्थान हासिल किया। रविवार को 11वें और आखिरी राउंड में भारत ने स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हराया। टूर्नामेंट में भारत ने 11 में से 10 मैच जीते, जबकि उज्बेकिस्तान के खिलाफ उसे ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। अमेरिका ने रजत और उज्बेकिस्तान ने कांस्य पदक जीता।
रोमांचक जीत: हारिका, आर. वैशाली, दिव्या देशमुख, वंंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव की भारतीय महिला टीम ने 19 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया। आखिरी राउंड में भारत ने अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराया। वहीं, अमेरिका के खिलाफ कजाकिस्तान को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा, जिससे भारत को स्वर्ण पदक मिला। कजाकिस्तान ने रजत और अमेरिका ने कांस्य पदक जीता।
चार भारतीयों ने जीता व्यक्तिगत स्वर्ण: भारत के चार खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते। ओपन सेक्शन के बोर्ड 1 में डी. गुकेश, बोर्ड 3 में अर्जुन एरिगेसी, महिला वर्ग के तीसरे बोर्ड में दिव्या देशमुख और चौथे बोर्ड में वंंतिका अग्रवाल ने स्वर्ण पदक अपने नाम किए।
पुरुष टीम का तीसरा, महिला टीम का दूसरा पदक:
भारतीय टीमों ने चेस ओलंपियाड में अब तक कुल 5 पदक जीते हैं। पुरुष टीम ने 2014 और 2022 में कांस्य पदक जीते थे। इस साल टीम ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता है। वहीं, महिला टीम ने 2022 के ओलंपियाड में कांस्य पदक जीता था और इस बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
भारत ने लगातार दूसरी बार जीती ओवरऑल ट्रॉफी:
2022 में भारत ने पुरुष और महिला दोनों ही वर्गों में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल चैंपियन ट्रॉफी अपने नाम की थी। इस बार भी भारत ने यह ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया है। अब तक रूस ने यह ट्रॉफी रिकॉर्ड 6 बार जीती है, जबकि चीन ने 3 बार और यूक्रेन ने 2 बार यह ट्रॉफी अपने नाम की है।