Paris Olympics Vinesh Phogat row: इंटरनेशनल खेल विवादों के लिए बने CAS ने विनेश फोगाट के मामले में फैसला सुनाते हुए सख्ती से यह कहा था कि एथलीटों को वजन सीमा का हर हाल में पालन करना होगा। किसी भी परिस्थिति में कोई अपवाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। 24 पेज के अपने फैसले में CAS ने विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक के रेसलिंग फाइनल में 100 ग्राम अधिक होने से अयोग्य घोषित करने के फैसले को सही ठहराया। सिल्वर मेडल को लेकर फोगाट के दावे को खारिज कर दिया गया।
विनेश की अपील हुई थी खारिज
बीते 14 अगस्त को CAS ने अपने आदेश में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया था। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपनी अयोग्यता को खत्म करने की अपील की थी। विनेश फोगट ने क्यूबा के पहलवान युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ के साथ संयुक्त रजत पदक की मांग की थी। अमेरिकी सारा एन हिल्डेब्रांट ने स्वर्ण पदक जीता। फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को उनका वजन 100 ग्राम अधिक हो जाने की वजह से अयोग्य कर दिया गया था।
सोमवार (20 अगस्त) को CAS का विस्तृत आदेश सामने आया। इस आदेश में कोर्ट ने पहलवान को किसी प्रकार की छूट से इनकार किया है। कोर्ट ने कहा कि एथलीट के लिए नियम वजन सीमा के बारे में स्पष्ट हैं और सभी प्रतिभागियों के लिए समान हैं। कोई छूट नहीं है। यह सिंगलेट के वजन की भी अनुमति नहीं देता है। यह स्पष्ट रूप से एथलीट पर निर्भर करता है कि वह इस सीमा से नीचे रहे।
कोर्ट ने कहा-विनेश ने वजन सीमा बढ़ने की बात स्वीकार की
CAS रिपोर्ट में बताया गया है कि फोगट ने वजन सीमा को पार कर लिया था जिसे उसने सुनवाई के दौरान स्वीकार किया। उसका तर्क कि 100 ग्राम से अधिक वजन को पानी के प्रतिधारण या मासिक धर्म जैसे कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, अपर्याप्त माना गया। कोर्ट ने कहा कि उसका मामला यह है कि अतिरिक्त मात्रा 100 ग्राम थी और छूट लागू होनी चाहिए क्योंकि यह एक छोटी सी अतिरिक्त मात्रा है। पीने के पानी या विशेष रूप से मासिक धर्म से पहले के चरण के दौरान ऐसा हो सकता है।
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