हैदराबाद में सट्टेबाजी में पैसा लगाने और कर्ज में डूब जाने के कारण 20 वर्षीय छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक कर्ज न चुका पाने से तनाव में था।
हैदराबाद. देश के कई राज्यों में सट्टेबाजी का जाल इस कदर फैला हुआ है कि इसपर लगाम लगाने पर पुलिस के भी हाथ पांव फूल जाते हैं। सट्टेबाजी में पैसा लगाना और कर्ज में डूब ना आज आम सा हो गया है। इस कारण युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। ऐसा ही मामला सामने आया है हैदराबाद से। जहां क्रिकेट में पैसा लगाने के बाद भारी नुकसान होने पर युवक ने आत्महत्या कर ली।
कर्ज ना चुका पाने के कारण तनाव में था युवक
मिली जानकारी के मुताबिक,आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा निवासी 20 वर्षीय सतीश हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत निजी हॉस्टल में रहता था। आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान उसे सट्टेबाजी में बड़ा नुकसान हुआ था और उसपर कर्जा हो गया था। कर्ज ना चुका पाने के कारण सतीश तनाव में रहता था। पुलिस ने उसके परिवार को घटना की जानकारी दे दी है साथ ही पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही सट्टेबाजी
आज की युवा जल्द से जल्द अमीर बनने चक्कर में जानें-अंजाने में ऐसे कार्य करना शुरू कर देते हैं जो उन्हें अपराध की दुनिया की ओर ले जाते हैं। इन्हीं में से एक है सट्टेबाजी। पहले गली- मोहल्लों में लगने वाला सट्टा अब फोन पर खेला जाने लगा है। इसकी फेहरिस्त भी बढ़ती जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि इन तरह के गेमों में कोई भी उम्र सीमा नहीं है । 18 साल के कम उम्र के बच्चे भी टीम बनाकर अब ऑनलाइन सट्टा लगा रहे हैं।
तमिलनाडु में ऑनलाइन गेम्स के लिए सख्त नियम
बात केवल सट्टे की नहीं बल्कि युवा पीढ़ी की जिंदगी की है जो गलत राह पर चलकर बर्बादी की ओर चल रहे हैं। कुछ राज्य सरकारों ने ऑनलाइन गेम्स को लेकर काफी सख्ती दिखाई है। तमिलनाडु में ऐसे तमाम ऑनलाइन गेम्स को बैन कर दिया गया है वहीं तेलंगाना, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी ऑनलाइन गेमिंग एप्स को लेकर कड़े नियम हैं पर सरकार के साथ शासन प्रशासन और आम लोगों को भी ऑनलाइन सट्टेबाजी गेम्स के प्रति गंभीरता दिखानी होगी क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था के साथ ही युवा पीढ़ी को बर्बादी के गर्त में धकेलने का काम कर रहे हैं।