वर्ल्ड एथलेटिक्स प्रमुख सेबेस्टियन कोए ने भारत के साथ जुड़ाव और एथलीट व खेल प्रशासक के तौर पर अपने अनुभवों को लेकर एशियानेट न्यूज से बात की। इस दौरान उन्होंने तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे और पीएम मोदी के साथ हुई मुलाकात के बारे में भी जानकारी दी।
वर्ल्ड एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कोए ने एशियानेट न्यूज से खास बातचीत के दौरान अपने तमाम अनुभव शेयर किए। एशियानेट न्यूज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन राजेश कालरा से खास बातचीत के दौरान भारत के साथ खास रिश्ते और जुड़ाव पर उन्होंने विचार रखा। सेबेस्टियन कोए ने बताया कि उनके नानाजी मूलरूप से पंजाब के रहने वाले थे। हालांकि उनके और नानीजी के संबंध में कुछ दिक्कतों के चलते बचपन में ही सेबेस्टियन की मां लंदन चली गई थीं। लेकिन उनका अक्सर भारत आना जाना रहता था। उनके घर के तमाम लोगों ने भारत के लिए अपनी सेवाएं दी। कोए के मौसा जी अमेरिका में भारत के स्थायी प्रतिनिधि थे। नानाजी के भारतीय होने के कारण ही सेबेस्टियन के लिए भारत के लिए खेलना संभव हो सका। एक समय जब ब्रिटिश टीम के द्वारा उन्हें बाहर कर दिया गया तो भारतीय राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उनसे संपर्क किया और भारत के लिए खेलने का ऑफर दिया।
सेबेस्टियन कोए ने आगे कहा कि 'मेरा मानना है कि आप सभी सार्वजनिक नीतियों को सही दिशा में ले जा सकते हैं। आप अपने स्वास्थ्य, देखभाल एजेंसियों और स्वास्थ्य विभागों के माध्यम से सभी पहल कर सकते हैं। ओलंपिक के आयोजन से बने माहौल का जबरदस्त प्रभाव होता है। यह सार्वजनिक नीति से कहीं आगे तक जाता है। बड़े आयोजन युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करते हैं। मैं इसका एक अच्छा उदाहरण हूं।' इस दौरान सेबेस्टियन ने उन दो एथलिटों का भी जिक्र किया जिनका गहरा प्रभाव सेबेस्टियन के जीवन पर पड़ा। उन्होंने बताया कि ‘मैंने शेफील्ड में दो एथलीटों जॉन और शीला शेरवुड को खेलते हुए देखा था। जॉन को पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ में कांस्य पदक मिला था। उनकी पत्नी लाॅन्ग जंप में गोल्ड मेडल से चूक गईं थी। वे हीरो की तरह शहर वापस आए थे। वे अपने पदकों को लेकर स्कूलों में घूमे। वे मेरे स्कूल भी आए। उन पदकों की एक झलक पाने के बाद मेरा जीवन बदल गया। मैं एक एथलेटिक्स क्लब में शामिल हो गया।’
कोए कहते हैं कि एक एथलीट और फिर खेल प्रशासक दोनों के तौर पर ही उनका जीवन काफी मजेदार औऱ चुनौतीपूर्ण रहा। वह अपने जीवन के विभिन्न चरणों से आगे गुजरे और कौशल प्राप्त किया। पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि 'मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक हुई। हमने न केवल खेल के महत्व के बारे में बात की, बल्कि इसके सामाजिक प्रभाव पर भी चर्चा की। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि भारतीय ट्रैक और फील्ड महासंघ के साथ अधिक आयोजनों को मंच देने की हमारी क्षमता वैश्विक खेल के विकास के लिए फायदेमंद थी। भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण बाजार है। आपके पास खेल को समृद्ध करने के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति है। आपके पास महत्वपूर्ण खेल बाजार है। आपके पास बड़ी आबादी और प्रतिभा का भंडार है। मैं बहुत से विश्व नेताओं से मिला हूं, लेकिन मैंने शायद ही कभी ऐसी बातचीत की हो, जिसमें समाज में खेल के महत्व पर इतना ध्यान केंद्रित किया गया हो।'