तेजस्वी-राहुल की जोड़ी पर भारी पड़ेंगे अमित शाह? बिहार में भाजपा का मास्टरप्लान तैयार

Published : Sep 18, 2025, 11:57 AM IST
amit shah

सार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी सरगर्मी तेज है। महागठबंधन के जवाब में भाजपा ने अमित शाह को मैदान में उतारा है। शाह संगठन को मजबूत करने, साधु-संतों से संवाद और घर-घर संपर्क अभियान जैसी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजने से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लगातार ग्राउंड पर सक्रिय हैं। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनावी मैदान में उतार दिया है। शाह के बिहार दौरे को भाजपा का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

रोहतास और बेगूसराय से मास्टरप्लान की शुरुआत

अमित शाह बुधवार देर रात पटना पहुंचे और गुरुवार को रोहतास जिले के डेहरी और बेगूसराय में दो अहम बैठकों में शामिल होंगे। इन बैठकों में शाह सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ संगठन और चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे। भाजपा ने इस बार बिहार को पांच जोनों में बांटकर चुनावी रणनीति बनाई है। शाह हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग चुनावी खाका खींच रहे हैं।

साधु-संतों से संवाद और घर-घर संपर्क अभियान

अमित शाह सिर्फ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से ही नहीं, बल्कि समाज के प्रभावशाली वर्गों को भी साधने में जुट गए हैं। पटना में 8 से 10 हज़ार साधु-संतों के साथ उनकी बैठक होने वाली है। इसके अलावा भाजपा 18 से 25 सितंबर तक "घर-घर संपर्क अभियान" चलाकर मतदाताओं तक सीधे पहुंचने की तैयारी में है। शाह ने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर सक्रिय रहने और सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुँचाने की रणनीति सौंपी है।

विपक्ष की तैयारियों को चुनौती

महागठबंधन पिछले कुछ महीनों से लगातार सड़कों पर है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की "वोटर अधिकार यात्रा" से लेकर प्रियंका गांधी के प्रस्तावित महिला संवाद कार्यक्रम तक, विपक्ष पूरी ताक़त झोंक रहा है। कांग्रेस और आरजेडी महिलाओं को 2500 रुपये महीना देने जैसे बड़े वादे भी कर रहे हैं। लेकिन भाजपा मान रही है कि शाह की रणनीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बल पर वह विपक्ष की जोड़ी को कड़ी टक्कर दे सकती है।

सीटवार समीकरण और प्रत्याशियों पर चर्चा

बेगूसराय में होने वाली बैठक में सीटवार समीकरण और संभावित प्रत्याशियों पर भी मंथन हो सकता है। शाह ने साफ संकेत दिया है कि चुनाव में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी। स्थानीय समीकरण, जातिगत संतुलन और मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर भाजपा विपक्ष के लिए मुश्किल खड़ी करना चाहती है।

नतीजों पर डाल सकता है बड़ा असर

बिहार चुनाव का परिणाम किस करवट बैठेगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमित शाह की एंट्री से चुनावी मुकाबला और रोचक हो गया है। महागठबंधन जहां जातिगत समीकरण और कल्याणकारी वादों पर दांव खेल रहा है, वहीं भाजपा शाह की चुनावी रणनीति और मोदी फैक्टर पर भरोसा जता रही है।

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Nitish Kumar ने PM Modi का जिक्र कर विपक्ष को दी चेतावनी! देखें पूरा बयान
रसगुल्ला कम पड़ते ही शादी बनी जंग का मैदान