लालू परिवार में नई खींचतान, तेजस्वी यादव के सलाहकार पर रोहिणी आचार्य का वार

Published : Sep 18, 2025, 11:35 AM IST
rohini acharya

सार

रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पोस्ट के जरिए तेजस्वी यादव के रणनीतिकार संजय यादव पर इशारों में वार किया। परिवार की यह तकरार आरजेडी की चुनावी रणनीति और एकजुटता पर बड़ा असर डाल सकती है।

पटनाः बिहार की राजनीति में लालू यादव का कुनबा हमेशा सुर्खियों में रहता है। कभी तेज प्रताप यादव की बगावत, तो कभी मीसा भारती की नाराज़गी, और अब बारी है लालू की बेटी रोहिणी आचार्य की। रोहिणी ने एक फेसबुक पोस्ट शेयर कर पार्टी के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले संजय यादव पर सीधा वार न सही, लेकिन ऐसा इशारा किया कि राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।

संजय यादव पर क्यों भड़कीं रोहिणी?

रोहिणी ने पटना के आलोक कुमार द्वारा लिखे एक पोस्ट को शेयर किया, जिसमें सवाल उठाया गया था कि तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी में उनके रथ की फ्रंट सीट पर संजय यादव कैसे बैठ गए? यह सीट हमेशा तेजस्वी या लालू यादव के लिए मानी जाती है। पोस्ट में साफ लिखा गया कि अगर कोई खुद को नेतृत्व से ऊपर समझने लगे तो यह पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। रोहिणी ने बिना एक शब्द लिखे पोस्ट को शेयर कर दिया, लेकिन यह चुप्पी ही सबसे बड़ा संदेश बन गई। परिवार और पार्टी दोनों में यह साफ संकेत माना जा रहा है कि रोहिणी भी अब संजय यादव के खिलाफ खड़ी होती दिख रही हैं।

 

तेज प्रताप पहले से ही विरोधी

यह कोई पहला मौका नहीं है जब संजय यादव पर सवाल उठे हों। तेज प्रताप यादव तो अक्सर उन्हें ‘जयचंद’ कहकर बुलाते रहे हैं। परिवार में पहले मीसा भारती और तेज प्रताप उनके खिलाफ खुलकर बोलते थे, लेकिन अब रोहिणी के जुड़ने से यह विरोध और बड़ा हो गया है।

कौन हैं संजय यादव?

संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले हैं। तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती क्रिकेट खेलने के दौरान हुई और उसके बाद वे पटना की राजनीति में तेजस्वी के साथ गहराई से जुड़े। धीरे-धीरे उन्होंने खुद को तेजस्वी के रणनीतिकार और सलाहकार के तौर पर स्थापित कर लिया। कहा जाता है कि आरजेडी में बिना संजय यादव की मर्जी के कोई बड़ा फैसला नहीं होता। यही वजह है कि पार्टी के भीतर और परिवार में भी उनके बढ़ते दखल को लेकर असंतोष है।

परिवार में बढ़ती खटास का सियासी असर

लालू यादव के साए से बाहर निकलकर तेजस्वी को नया चेहरा देने में संजय यादव की अहम भूमिका रही है। लेकिन अब जब परिवार के भीतर ही उनके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं, तो यह सीधे तौर पर आरजेडी की चुनावी एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है। रोहिणी आचार्य की हाल की पोस्ट को महज एक सोशल मीडिया एक्टिविटी मानना भूल होगी, क्योंकि वह खुद सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रही हैं। ऐसे में संजय यादव से उनकी नाराज़गी भविष्य में बड़े सियासी संकेत साबित हो सकती है।

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