
पटनाः बिहार की सियासत में चुनाव से पहले नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को बड़ा झटका लगा है। पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से तीन बार जदयू विधायक रह चुकीं मीना द्विवेदी ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जनसुराज पार्टी में शामिल होकर नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका दिया है। बुधवार 17 सितंबर को मीना द्विवेदी ने जदयू के जिला और प्रखंड स्तर के कई पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर से मुलाकात की।
इस मौके पर प्रशांत किशोर ने मीना द्विवेदी और उनके समर्थकों का स्वागत करते हुए सभी को पीला गमछा पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई। यह कदम सिर्फ एक राजनीतिक प्रवेश नहीं, बल्कि चंपारण की राजनीति में समीकरण बदलने वाला कदम माना जा रहा है। मीना द्विवेदी के शामिल होने से जनसुराज पार्टी को विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मीना द्विवेदी का राजनीतिक परिवार भी चंपारण में लंबे समय से सक्रिय है। साल 1995 में उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे समता पार्टी से विधायक बने थे। साल 1998 के उपचुनाव में उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे विधायक चुने गए। इसके बाद मीना द्विवेदी खुद जदयू से 2005 के फरवरी और नवंबर चुनावों तथा 2010 में जीत चुकी हैं। उनके राजनीतिक अनुभव और जनता में लोकप्रियता के कारण अब वे जनसुराज पार्टी के लिए बड़ी ताकत साबित हो सकती हैं।
जानकारों का मानना है कि मीना द्विवेदी के जनसुराज में शामिल होने से चंपारण में चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। उनके समर्थक और स्थानीय नेता अब जनसुराज पार्टी के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। इससे पार्टी को स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को जोड़ने में फायदा होगा। मीना द्विवेदी का यह कदम नीतीश कुमार और जदयू के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है। उनकी लोकप्रियता और लंबे राजनीतिक अनुभव से जनसुराज पार्टी को चंपारण में मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिलेगी। आने वाले विधानसभा चुनावों में यह कदम कई सीटों पर सियासी प्रभाव डाल सकता है और जदयू की स्थिति चुनौतीपूर्ण कर सकता है।
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