Inside Story: लालू-तेजस्वी और अशोक गहलोत में 1 घंटे बंद कमरे में क्या बात हुई...?

Published : Oct 22, 2025, 07:31 PM IST
ashok gehlot meeting

सार

बिहार चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट विवाद सुलझाने कांग्रेस नेता अशोक गहलोत पटना पहुंचे। उन्होंने लालू-तेजस्वी से मिलकर गठबंधन को एकजुट बताया और कहा कि कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' का मुद्दा जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले महागठबंधन के भीतर मचे घमासान को शांत करने के लिए कांग्रेस ने अपने सबसे भरोसेमंद और सीनियर नेता अशोक गहलोत को मैदान में उतार दिया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे, जहां उन्होंने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। गहलोत के साथ बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी मौजूद थे।

लालू-तेजस्वी से लंबी बैठक, कहा-"महागठबंधन पूरी तरह एकजुट"

अशोक गहलोत की इस यात्रा को महागठबंधन के भीतर चल रहे सीट बंटवारे के विवाद को सुलझाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बैठक के बाद गहलोत ने कहा कि "महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है। कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति जरूर बनी है, लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है।" उन्होंने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं और इतनी बड़ी संख्या में कभी-कभी कुछ भ्रम की स्थिति बन जाती है, परंतु अगले एक-दो दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा।

12 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति

बिहार में कांग्रेस और राजद सहित महागठबंधन के घटक दलों के बीच करीब 12 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बनी हुई है। यानी, एक ही गठबंधन के दो दल अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुके हैं। गहलोत ने पत्रकारों से कहा, “5 से 10 सीटों पर फ्रेंडली फाइट कोई बड़ी बात नहीं है। नामांकन वापसी की अंतिम तारीख तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।”

गहलोत का ‘डैमेज कंट्रोल’ मिशन

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और राजद के बीच कई सीटों को लेकर तनातनी बढ़ी थी। कांग्रेस ने कुछ सीटों पर राजद से असहमति जताई थी, वहीं राजद ने भी कुछ स्थानों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को पटना भेजकर डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी सौंपी।

गहलोत ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, संजय यादव और मंगनीलाल मंडल से भी अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सीटों पर तालमेल और प्रचार रणनीति को लेकर लंबी चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री पद पर सवाल पर गहलोत ने बचाई बात

पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या कांग्रेस महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने को तैयार है, तो गहलोत ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “आप मुझसे ऐसी घोषणा क्यों करवाना चाहते हैं?” गहलोत ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में हार के बाद बिहार चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए बेहद अहम है और यहां जीत से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा संदेश जाएगा।

कांग्रेस प्रभारी बोले-NDA के खिलाफ सीधी लड़ाई

बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी साफ कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच किसी तरह का संकट नहीं है। उन्होंने कहा, “बिहार में 243 सीटों पर लड़ाई सीधी है। महागठबंधन बनाम एनडीए। कुछ सीटों पर जो असमंजस है, वह जल्द खत्म होगा।”

क्या पटना से सुलझेगा विवाद?

बिहार की सियासत में यह पहली बार नहीं है जब चुनाव से ठीक पहले गठबंधन में मतभेद उभरकर सामने आए हों। लेकिन इस बार गहलोत की सक्रियता और लालू-तेजस्वी की बैठक से संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस किसी भी हाल में इस गठबंधन को टूटने नहीं देगी। अब देखना होगा कि नामांकन वापसी की अंतिम तारीख तक ‘फ्रेंडली फाइट’ सचमुच खत्म होती है या फिर बिहार के मैदान में ‘दोस्तों की जंग’ ही नया चुनावी नैरेटिव बन जाती है।

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