
Bahadurganj Assembly Election 2025: बिहार के किशनगंज जिले की बहादुरगंज विधानसभा सीट को हमेशा से कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। मुस्लिम बाहुल्य इस क्षेत्र में राजनीति का समीकरण काफी दिलचस्प रहा है। लेकिन साल 2020 में यहां कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा जो 2025 में भी जारी रहा। यहां से AIMIM प्रत्याशी ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है, जो यह साबित करता है कि यहां कांग्रेस का अभेद्य किला अब ढह चुका है। यहां से ओवैसी के पार्टी कैंडिडेट मो. तौसीफ आलम ने 87315 वोट पाकर अपने विरोधी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद मसावर आलम को 28726 वोटों से मात दी। कांग्रेस प्रत्याशी को इस सीट पर कुल 58589 वोट मिले। वहीं एनडीए गठबंधन में शामिल एलजेपी (रामिवलास) के प्रत्याशी मोहम्मद खलीमुद्दीन 57195 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
साल 2010 में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद तौसीफ आलम ने 30,551 वोट पाकर जीत हासिल की। उनके सामने जेडीयू के मोहम्मद मशवर आलम थे जिन्हें 26,752 वोट मिले। इस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 3,799 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
2015 में बहादुरगंज सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद तौसीफ आलम ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 53,533 वोट हासिल किए, जबकि बीजेपी के अवध बिहारी सिंह को 39,591 वोट मिले। इस बार कांग्रेस ने 13,942 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
2020 का चुनाव बहादुरगंज के लिए ऐतिहासिक रहा। इस बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। AIMIM के मोहम्मद अंजार नईमी ने जबरदस्त जीत दर्ज की। उन्हें 85,855 वोट मिले, जबकि वीआईपी के लखन लाल पंडित को 40,640 वोट और कांग्रेस के मोहम्मद तौसीफ आलम को केवल 30,204 वोट मिले। AIMIM उम्मीदवार ने यह चुनाव 45,215 वोटों के बड़े अंतर से जीता। यह कांग्रेस के गढ़ में सबसे बड़ी हार साबित हुई।
खास बात: पहली बार एआईएमआईएम का परचम लहराने वाले मो. अंजार नईमी ग्रेजुएशन किए हैं। उन पर एक क्रिमिनल केस है। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 4.67 करोड़ रुपए हैं और उन पर 53 लाख रुपए का कर्जा भी है।
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