जेल से कोर्ट की पेशी पर आए कैदी के कारनामें सुनकर आप भी दंग हो जाएंगे। जेल वापस जाते समय कैदी ने अपने मलद्वार में मोबाइल और दो केबिल छिपा ली थी। कारागार के प्रवेश द्वार पर कैदियों की तलाशी के दौरान मेटल डिटेक्टर बार-बार सिग्नल दे रहा था।
भागलपुर। जेल से कोर्ट की पेशी पर आए कैदी के कारनामें सुनकर आप भी दंग हो जाएंगे। जेल वापस जाते समय कैदी ने अपने मलद्वार में मोबाइल और दो केबिल छिपा ली थी। कारागार के प्रवेश द्वार पर कैदियों की तलाशी के दौरान मेटल डिटेक्टर बार-बार सिग्नल दे रहा था कि कैदी के शरीर में कोई धातु की वस्तु है। बार बार तलाशी लेने वाले सुरक्षाकर्मी भी हैरान थे। बहरहाल, थक हार कर बंदी को अस्पताल ले जाया गया, उसका एक्स-रे हुआ तो तस्वीर साफ हो गई। यहां तक तो गनीमत थी पर उसके बाद डाक्टरों को कैदी के मलद्वार से मोबाइल और दो केबिल बाहर निकलवाने में मशक्कत करनी पड़ी।
डेढ घंटे की मशक्कत के बाद निकला चार्जर केबिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कैदी के एक्स-रे में स्पष्ट देखा गया कि उसके मलाशय (रेक्टम) में मोबाइल और चार्जर के दो केबिल है। डाक्टरों ने कैदी को शौच कराया तो एक छोटा मोबाइल व केबिल बाहर निकला। उसके बाद कैदी को दोबारा शौच कराने के लिए दवाएं दी गईं। लगभग डेढ घंटे की मशक्क्त के बाद कैदी को दूसरी बार शौच कराया गया तो दूसरी चार्जिंग केबिल निकली।
पेशी के दौरान मिला था मोबाइल व चार्जर
आशंका जताई जा रही है कि पेशी के दौरान जब कैदी को हाजत में रखा गया था। वहीं उसे मोबाइल और चार्जर मिला होगा। डॉक्टरों का कहना है कि पेट के रास्ते मलद्वार तक चीजों को पहुंचने में काफी समय लगता है। यह चीजें मलद्वार से ही मलाशय तक पहुंचाई गई होंगी। इससे जीवन को भी खतरा हो सकता है। ऐसी हरकतें नहीं करनी चाहिए।
क्या है मामला?
प्रकरण अनुमंडल कारा नवगछिया का है। करीब छह महीने पहले महमतपुर के रहने वाले रहीम आलम को अपहरण के केस में कोर्ट ने दोषी करारते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। कैदी रहीम को दोपहर 12 बजे अनुमंडल कारा से नवगछिया कोर्ट पेशी के लिए लाया गया था। व्यवहार न्यायालय में पेशी के बाद लौटते वक्त उपकारा में प्रवेश कर रहा था। उसी समय कैदी की तलाशी के दौरान मेटल डिटेक्टर बार बार इशारा कर रहा था कि उसके पास कोई धातु की चीज है। कारा अधीक्षक का कहना है कि मेटल डिटेक्टर से यह पकड़ में आया।