
Bhagalpur Assembly Election 2025: भागलपुर विधानसभा सीट (Bhagalpur Assembly Seat) बिहार की राजनीति का सबसे अहम केंद्र मानी जाती है। इस सीट पर रोहित पांडे ने अपना नाम दर्ज कर लिया है। बीजेपी को यहां 1 लाख से अधिक वोट मिले।
2010 विधानसभा चुनाव में अश्विनी कुमार चौबे (BJP) ने 49,164 वोट पाकर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के अजीत शर्मा को 11,060 वोटों के अंतर से हराया। यह दौर भाजपा के लिए मजबूत पकड़ का समय था।
2015 में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की। अजीत शर्मा (INC) ने 70,514 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा के अर्जित शाश्वत चौबे को 10,658 वोटों से हराया। इस चुनाव में भाजपा नेता विजय साह ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और 15,212 वोट पाए, जिससे भाजपा का वोट बैंक बंट गया।
2020 में मुकाबला बेहद करीबी रहा। कांग्रेस से अजीत शर्मा ने 65,502 वोट हासिल किए जबकि भाजपा के रोहित पांडेय को 64,389 वोट मिले। सिर्फ 1,113 वोटों के अंतर से कांग्रेस ने यह सीट अपने पास बनाए रखी। इस चुनाव में लोजपा के राजेश वर्मा तीसरे नंबर पर रहे और 20,523 वोट हासिल किए।
नौट: ग्रेजुएशन की डिग्री रखने वाले कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा पर 7 क्रिमिनल केस चल रहे हैं। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 43.27 करोड़ रूपए है और उन पर 6.16 करोड़ रुपए का लोन है।
भागलपुर विधानसभा सीट (Bhagalpur Vidhan Sabha) का गणित बेहद पेचीदा है। मुस्लिम वोटरों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, जो जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके बाद वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार और दलित मतदाता भी इस सीट पर असर डालते हैं। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हर चुनाव में जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश करते हैं।
भागलपुर विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस अपनी पुरानी जीत को बरकरार रखने की कोशिश करेगी, वहीं भाजपा इस बार पूरा जोर लगाकर वापसी करना चाहती है। महागठबंधन में राजद भी इस सीट पर दावेदारी जता सकता है। एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
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