
Bihar Assembly Election: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तक, सभी सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में, राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार के 17 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा यह नोटिस 17 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को जारी किया गया है। इसमें सभी 17 राजनीतिक दलों को 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा गया है। इस साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग द्वारा उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नोटिस मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार, 7, सरदार पटेल मार्ग (मंगल रोड), पटना के कार्यालय द्वारा जारी किया गया है। यह पटना स्थित निर्वाचन विभाग के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार सिंह के नाम से जारी किया गया है। समाचार पत्रों में प्रकाशित इस नोटिस में सभी 17 संबंधित राजनीतिक दलों के नाम का उल्लेख है।
चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में बिहार के 17 दलों को नोटिस जारी करने के पीछे का कारण भी स्पष्ट किया है। दरअसल, आयोग ने यह फैसला लेने का कारण बताते हुए कहा है कि इन सभी 17 दलों ने वर्ष 2019 से कोई चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विशेष लाभ और सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन इन दलों ने पिछले छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा है।
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ऐसे में, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि उनके खिलाफ 'डीलिस्टिंग' की कार्रवाई क्यों न अमल में लाई जाए? आयोग ने इन दलों से 21 जुलाई यानी लगभग 10 दिनों में अपना जवाब देने का अनुरोध किया है। इसके लिए आयोग ने इन दलों के प्रतिनिधियों को साक्ष्य सहित कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। ताकि इस संबंध में जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जा सके।
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