
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया के दौरान मंगलवार को पटना जिले के मनेर विधानसभा क्षेत्र में एक अनोखा और चर्चित दृश्य देखने को मिला। बेऊर जेल में बंद कैदी विकास कुमार उर्फ डिकेश सिंह ने पुलिस कस्टडी में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। दानापुर अनुमंडल कार्यालय में जब डिकेश सिंह पुलिस सुरक्षा में पहुंचे, तो बाहर सड़क पर समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। “डिकेश सिंह जिंदाबाद” और “मनेर का शेर कौन? डिकेश सिंह” जैसे नारे पूरे इलाके में गूंजने लगे। इस नज़ारे ने चुनावी माहौल को पूरी तरह गर्मा दिया।
मनेर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे डिकेश सिंह कोई नया नाम नहीं हैं। इससे पहले भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा था। इस बार वह जेल से ही अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं। अनुमंडल कार्यालय में उनके आगमन से पहले ही सड़क पर सैकड़ों समर्थक जमा हो गए थे। पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। समर्थकों में महिलाओं से लेकर युवाओं तक का उत्साह देखने लायक था। कई लोगों ने कहा कि “डिकेश भैया भले जेल में हैं, लेकिन जनता के दिल में हैं।”
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में (अपने वकील के माध्यम से) डिकेश सिंह ने कहा, “मनेर में वर्षों से दो परिवारों का वर्चस्व रहा है, लेकिन असली विकास नहीं हुआ। अब जनता ऐसे लोगों को जवाब देगी। मैं जेल में रहकर भी जनता की आवाज़ उठाऊंगा।” उन्होंने खुद को कोइरी-कुर्मी समाज और वंचित वर्ग का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि वे क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे।
नामांकन के दौरान डिकेश सिंह के समर्थन में कई स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। मणिलाल सिंह, स्वामीनाथ पासवान, अरुण पासवान, रामसागर सिंह जैसे प्रभावशाली स्थानीय नेता उनके साथ नजर आए। इन नेताओं ने कहा कि “डिकेश सिंह की गिरफ्तारी ने जनता के जोश को कम नहीं किया, बल्कि आंदोलन को और मजबूत बना दिया है।”
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