
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समापन रिकॉर्डतोड़ मतदान और चुनावी प्रक्रिया में आधुनिक टेक्नोलॉजी के अभूतपूर्व इस्तेमाल के साथ हुआ। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने घोषणा की कि दोनों चरणों को मिलाकर राज्य में कुल 66.90 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है, जो पिछले चुनाव से लगभग नौ प्रतिशत अधिक है। इस बार आयोग ने चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई तकनीक-आधारित पहल कीं, जिनका उल्लेख मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि भारत के चुनावी इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी विधानसभा चुनाव में 100 प्रतिशत बूथों की लाइव वेबकास्टिंग की गई। इससे सभी मतदान केंद्रों पर होने वाली गतिविधियों पर सीधी निगरानी रखना और किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करना आसान हो सका। इससे मतदान प्रक्रिया के दौरान आई 220 से अधिक शिकायतों को जल्द से जल्द निपटाने में मदद मिली।
ईवीएम (EVM) को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने और वापस लाने की पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए GPS ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया गया। प्रत्येक ईवीएम की रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक की गई, जिससे किसी भी अनधिकृत गतिविधि की संभावना समाप्त हो गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पुष्टि की कि जितने भी मतदान केंद्र पर ईवीएम पहुंचाए गए, उन सभी की GPS ट्रैकिंग की गई।
इस चुनाव की एक सबसे बड़ी सफलता नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान रही। एडीजी हेड क्वाटर कुंदन कृष्णन ने बताया कि जमुई, गया और रोहतास जैसे ज़िलों में ऐसे बूथों पर भी चुनाव हुए, जहाँ पिछले दो दशकों से मतदान नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि “ ऐसा कहा जा सकता है कि कट्टरपंथी नक्सलवाद खत्म हो चुका है। नक्सलियों की पत्नी ने भी वोट दिया। बूथ पर कहीं भी हिंसक घटना नहीं हुई।” पूरे राज्य में शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ और कहीं से भी हिंसा की कोई बड़ी खबर नहीं मिली।
दोनों चरणों को मिलाकर कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया में सबसे अधिक मतदान हुए, जहाँ का मतदान प्रतिशत 75 प्रतिशत से अधिक रहा। यह चुनाव न केवल मतदाताओं की रिकॉर्ड भागीदारी के लिए याद किया जाएगा, बल्कि टेक्नोलॉजी के सटीक उपयोग और नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
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