
Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में ऐलान किया कि सरकार बनी तो युवा आयोग का गठन किया जाएगा, 100% डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी। इसके बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई। वहीं, तेजस्वी यादव के इस ऐलान के बाद जेडीयू ने पलटवार किया है। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि हमें लगता है कि तेजस्वी यादव झूठे दावे और झूठे वादे करने में आगे निकल गए हैं, वो अपनी पार्टी के छात्र और युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे और मौका मांग रहे थे, लेकिन बिहार की जनता तेजस्वी यादव को 20 दिन भी नहीं दे सकती।
उन्होंने कहा कि जब मौका मिला तो आप लोगों ने बिहार को लूट लिया, आप 100% डोमिसाइल नीति की बात करते हैं, बिना सोचे-समझे और बिना जाने, अगर आपको डोमिसाइल नीति लागू करनी है तो पहले अपनी पार्टी में करें।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हमारी सोच है कि बिहार के बच्चों को बिहार में भरपूर रोजगार मिले, हम चाहते हैं कि बिहार के युवा पलायन न करें, बिहार का रोजगार बिहार के बच्चों को मिले और बिहार में युवा आयोग बने। जिस तरह से सरकार दामाद आयोग, साला आयोग पर फोकस कर रही है, उससे अलग हटकर युवाओं के लिए एक बेहतर आयोग बने ताकि युवाओं का पलायन रुके।
भाजपा के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने कहा कि तेजस्वी यादव बार-बार युवाओं को नारों की जंजीर में बांधने की कोशिश कर रहे हैं। युवा आयोग डोमिसाइल नीति और कई घोषणाएं कर रहे हैं। ये घोषणाएं नहीं चुनावी जुमले हैं, जिनके 15 साल के शासन ने बिहार में बेरोजगारी, पलायन, माफिया राज की त्रासदी ला दी, वही अब विकास की बात कर रहे हैं।
गुरुवार को बापू सभागार में तेजस्वी यादव ने कहा कि परीक्षाएं और उनके परिणाम समय पर घोषित किए जाएंगे। आठवीं कक्षा तक के बच्चों को धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा। युवाओं के लिए नशामुक्ति कार्यक्रम चलाए जाएंगे। स्कूल-कॉलेजों में 275 दिन कक्षाएं चलेंगी। 80 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी। पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाई जाएगी। इसके बाद भी अगर बच्चे कमजोर होंगे तो उन्हें पढ़ाने के लिए उनके घर शिक्षक भेजे जाएंगे।
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तेजस्वी ने युवाओं के बीच कलम बांटे। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे बिहार की तकदीर बदलेगी। उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे उन्हें पांच साल के लिए सरकार बनाने का मौका दें। हम नया विकसित बिहार बनाएंगे। जो काम इस सरकार ने 20 साल में नहीं किया, वह मैं 20 महीने में करूंगा।
दरअसल, कई राज्यों में डोमिसाइल नीति लागू है। इसके तहत राज्य सरकार की कुछ नौकरियों में राज्य के मूल निवासियों को वरीयता दी जाती है। पहले यह नीति बिहार में भी थी, लेकिन इसे खत्म कर दिया गया है।
पहले बिहार में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति नहीं थी। शिक्षक भर्ती में राज्य के बाहर के लोग भी आवेदन कर सकते थे। लेकिन दिसंबर 2020 में नीतीश सरकार ने शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू कर दी। इसके बाद शिक्षक भर्ती में सिर्फ मूल निवासियों को ही नौकरी मिलती थी।
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हालांकि, जुलाई 2023 में सरकार ने इस नीति को खत्म कर दिया। इसके बाद अब दूसरे राज्यों के लोग भी आवेदन कर सकते हैं और फिर से वहां काम कर सकते हैं। सरकार ने तर्क दिया था कि इस नीति को इसलिए खत्म किया गया क्योंकि स्कूलों में गणित और विज्ञान पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षक नहीं मिल रहे थे।
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