
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम जोरों पर चल रहा है. इस प्रक्रिया में सबसे ज्यादा परेशानी उन बहुओं को हो रही है जो अपने ससुराल में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना चाहती हैं। नियम के मुताबिक, बहू का नाम उसके ससुराल की वोटर लिस्ट में तभी जुड़ेगा जब उसके फॉर्म के साथ उसके माता-पिता के दस्तावेज संलग्न होंगे।
बहुओं के मायके वालों से दस्तावेज लेने की होड़ मची हुई है, खासकर उन महिलाओं में जिनके माता-पिता दूर हैं या जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं। ऐसे में बीएलओ भी असमंजस में हैं कि किसका दस्तावेज फॉर्म के साथ संलग्न करें। मीनापुर के एक बीएलओ ने बताया कि उनके पास ऐसा मामला आया है लेकिन इस स्थिति में क्या करना है, इस बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। फिलहाल बहुओं के फॉर्म भरवाए गए हैं और अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है। दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही दस्तावेजों को संलग्न कर फॉर्म को एप पर अपलोड किया जाएगा।
1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने फॉर्म के साथ अपना या माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज जमा करना होगा। 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने फॉर्म के साथ अपना और माता-पिता दोनों का दस्तावेज जमा करना होगा। हालांकि, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं, जिससे वे परेशान हैं। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार से संपर्क नहीं हो पाने के कारण स्थिति और जटिल हो गई है।
मड़वन के एक बीएलओ ने बताया कि उन्हें एक ऐसा परिवार मिला है, जिसके नौ सदस्य दिल्ली में रहते हैं, जबकि एक ही व्यक्ति घर पर है। उनके दस्तावेज व्हाट्सएप या ई-मेल के जरिए मंगाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, पारू, साहेबगंज और कांटी जैसे इलाकों में 50 से अधिक घरों में ताला लटका मिला है। वहां रहने वाले लोग कहां गए, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है।
बीएलओ ने बताया कि ऐसे घरों पर सिर्फ स्टीकर चिपकाए जा सकते हैं, लेकिन फॉर्म नहीं भरे जा सकते। कई बीएलओ ने बताया कि शुरुआत में वे उन मतदाताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिनके दस्तावेज पूरे हैं। उनके फॉर्म भरकर एप पर अपलोड किए जा रहे हैं, ताकि शुरुआती रिपोर्टिंग में उपलब्धि दिखाई जा सके और कार्रवाई से बचा जा सके। जटिल मामलों में फॉर्म भरकर अभी अपने पास रख लिया जा रहा है और दस्तावेज मिलने के बाद ही अपलोड किया जाएगा। साथ ही मतदाताओं पर जल्द से जल्द दस्तावेज उपलब्ध कराने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
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