
Bihar Assembly Election 2025 NDA Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज़ हो गई है। NDA गठबंधन की सीट शेयरिंग लगभग तय हो चुकी है और SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के चलते मतदाता सूची विवाद ने राजनीतिक माहौल को और पेचीदा बना दिया है। क्या इस बार JDU और BJP अपने कोटे में संतुलन बनाए रख पाएंगी? और क्या वोटर वेरिफिकेशन विवाद चुनाव के नतीजों को प्रभावित करेगा?
दैनिक भाष्कर की ओर से जारी आंकड़े में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बार JDU 102 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि BJP 101 सीटों पर। LJP (R) को 20, HAM और RLM को 10-10 सीटें दी गई हैं। हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही NDA प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है।
पिछली बार BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 पर जीत मिली थी। वहीं JDU ने 115 में से सिर्फ 43 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार JDU को 102 सीटें मिली हैं और BJP को 101, यानी JDU एक बार फिर “बड़े भाई” की भूमिका में नजर आएगी।
पिछले चुनावों के आंकड़े देखें तो 2020 में:
2020 में चिराग पासवान की LJP ने अकेले 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत केवल एक सीट पर हुई। अब LJP NDA का हिस्सा है और गठबंधन में उसे 20 सीटें मिली हैं। HAM और RLM भी NDA के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। HAM ने 2020 में 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 जीती थीं। RLM भी अब NDA के साथ है और उसे गठबंधन में 10 सीटें दी गई हैं। यह छोटा लेकिन रणनीतिक गठबंधन NDA के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां JDU और BJP का पकड़ कमजोर है।
2025 में बिहार में SIR प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके तहत अब तक लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा चुके हैं। इसमें 12.5 लाख मृत मतदाता, 17.5 लाख प्रवासी और 5.5 लाख डुप्लिकेट नाम शामिल हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया "M-Y और PDA वोटरों" (मुस्लिम-यादव, पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) के खिलाफ साजिश है। RJD के तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया केवल मृत, प्रवासी और अवैध मतदाताओं के नाम हटाने के लिए है। लेकिन दस्तावेजों की सख्ती ने ग्रामीण और गरीब वर्ग के लिए समस्याएं बढ़ा दी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को चुनाव आयोग को आदेश दिया कि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि हटाए गए नामों की पूरी सूची और कारण सार्वजनिक किए जाएं। 22 अगस्त को कोर्ट ने यह आदेश दोहराया, जिसे कांग्रेस ने "लोकतंत्र की जीत" बताया। अब मतदाता पहले फॉर्म जमा कर सकते हैं और बाद में दस्तावेज जमा करने का विकल्प भी मिलेगा।
इस बार NDA में JDU, BJP, LJP (R), HAM और RLM शामिल हैं। पिछले चुनावों में VIP और HAM जैसी पार्टियां NDA में थी, लेकिन अब VIP महागठबंधन का हिस्सा है और कुशवाहा की RLM NDA के साथ है। इस बार कुल 243 सीटों में 5 पार्टियों का तालमेल चुनाव के परिणामों को प्रभावित करेगा।
SIR विवाद, दस्तावेज़ों की सख्ती और आधार कार्ड मुद्दा चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है। विपक्ष इसे वोटर वर्जन (Voting Rights Suppression) के रूप में देख रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 NDA के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। सीट शेयरिंग, SIR विवाद और वोटर वेरिफिकेशन ने चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी है। JDU और BJP का तालमेल, तीसरे मोर्चे की भूमिका और सुप्रीम कोर्ट के आदेश, सभी मिलकर बिहार चुनाव के नतीजों को निर्णायक रूप दे सकते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में NDA ने 243 में सिर्फ 58 सीटें जीती थीं। इस बार गठबंधन में 5 पार्टियां हैं, और JDU व BJP के अलावा LJP, HAM और RLM के खाते में कुल 40 सीटें जाएंगी।
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