बिहार का कितना हिस्सा आता है बाढ़ की चपेट में, क्या है इसके मुख्य कारण? जानें एक क्लिक में

Published : Jun 26, 2024, 06:54 PM IST

बिहार के उत्तरी भाग में स्थित ज्यादातर इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ रहता है। इसमें दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण और खगड़िया शामिल है।

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बिहार में बाढ़ में आने वाले जगह का क्षेत्रफल

बिहार के कुल 94 हजार 163 स्क्वायर किलोमीटर में से 26 हजार 073 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में बाढ़ आता है।राज्य का लगभग 27.5 फीसदी इलाका बाढ़ से प्रभावित होता है।

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बिहार में हर साल बाढ़ आता

बिहार के 525 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में हर साल बाढ़ आता है। इसमें कुछ एरिया को छोड़कर अधिकांश में बहुत खतरे वाली स्थिति नहीं होती है।

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ICAR पटना की रिपोर्ट

ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर) पटना की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ का 75 फीसदी इलाका उत्तरी बिहार में है।

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को पांच वर्गों में विभाजित किया गया

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को पांच वर्गों में विभाजित किया गया है। इन क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान भी खेती की क्या संभावनाएं हैं, इसकी योजना भी बतायी गयी है।

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बिहार में बाढ़ आने मुख्य कारण

बिहार में बाढ़ आने मुख्य कारण कोसी, गंगा और बागमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी है। हालांकि, इसके अलावा और भी कई कारण है।

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नेपाल का बाढ़ में रोल

नेपाल की मध्य पहाड़ियों में जंगलों का कृषि और चारागाह भूमि में बढ़ोतरी होने से भारत में बाढ़ से होने वाले नुकसान में मदद करता है।

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1950 से 1980 के दशक का लेखा-जोखा

1950 से 1980 के दशक तक सप्त कोसी में सलाना अपवाह में वृद्धि हुई, लेकिन बेसिन के कई स्टेशनों पर बारिश में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है।

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बाढ़ के मैदानों पर कब्जा

बाढ़ से होने वाली क्षति का एक अन्य कारण यह है कि लोग तेजी से बाढ़ के मैदानों पर कब्जा कर रहे हैं और यह मान रहे हैं कि नदी की मात्रा काफी हद तक बढ़ गई है।

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