नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों की मीटिंग बुलाई है। विधायक मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के लिए पहुंचना शुरू कर चुके हैं।
Bihar Political crisis: बिहार में राजनीतिक पारा चढ़ता ही जा रहा है। राजनैतिक उलटफेर के कयास बरकरार है। सभी दल मीटिंग्स में व्यस्त हैं। हालांकि, दावा यह किया जा रहा है कि बिहार में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने और इस्तीफा देकर फिर सीएम पद की शपथ की संभावना जताई जा रही है।
जेडीयू विधायकों की मीटिंग सीएम हाउस में...
नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों की मीटिंग बुलाई है। विधायक मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के लिए पहुंचना शुरू कर चुके हैं। माना जा रहा है कि रविवार सुबह 10 बजे नीतीश कुमार अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपेंगे साथ ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। इसके बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ दो डिप्टी सीएम पद की भी शपथ लेंगे।
लालू प्रसाद यादव ने कहा-कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देगा
उधर, राजद की मीटिंग में पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार का कोई भी मंत्री इस्तीफा नहीं देगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में असली खेला होना बाकी है। नीतीश हमारे आदरणीय थे और रहेंगे।
नीतीश कुमार लगातार बदलते रहे हैं पाला
नीतीश कुमार 2013 के बाद से भाजपा, कांग्रेस और/या लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के साथ बारी-बारी से गठबंधन करते रहे हैं। उनके एक दशक में आधा दर्जन बार पाला बदलने की वजह से उन्हें 'पलटू राम' उपनाम से भी जाना जाता है। 2015 में वह राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। इसके बाद वह 2017 में बीजेपी केसाथ हो गए। फिर 2022 में वह राजद के साथ मिलकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री बनें। एक बार फिर वह पाला बदलने की ओर हैं।
विपक्षी एकता की पहल नीतीश ने पूरे देश में की
2022 में भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने 2024 के चुनावों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। उन्होंने इंडिया गठबंधन नामक मंच तैयार किया जिसमें देश के प्रमुख विपक्षी दल शामिल हुए और एनडीए का विकल्प बताया गया।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर नीतीश को केंद्र ने किया खुश
दरअसल, बिहार में अति पिछड़ों-दलितों के हक में लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को नीतीश कुमार भारत रत्न देने की मांग लगातार कर रहे हैं। नीतीश के अलावा लालू यादव की पार्टी भी इसकी मांग करती रही। कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया। जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देने के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोले जाने का संकेत दिया। फिर बातचीत का दौर शुरू हुआ और अचानक से एनडीए के नेता सक्रिय हो गए। इसी बीच नीतीश कुमार ने परिवारवाद पर कमेंट कर महागठबंधन में दरार चौड़ी कर दी। 13 जनवरी को इंडिया की मीटिंग में नीतीश कुमार ने संयोजक पद लेने से इनकार कर दिया।
राजनीतिक हलचल के बीच अफसरों का ट्रांसफर
जनवरी में जब सर्दी का मौसम अपने चरम पर पहुंच रहा था तो उसी समय पटना का तापमान तेजी से बढ़ने लगा। सत्ता के खेल में माहिर नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ने के संकेत देने शुरू किए साथ ही उन्होंने इस गतिरोध के बीच में बड़ी तादाद में अफसरों को इधर से उधर कर दिया। बिहार सरकार ने शुक्रवार को 79 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और 45 बिहार प्रशासनिक सेवा (बीएएस) अधिकारियों का तबादला कर दिया।
बीजेपी भी हो गई सक्रिय
उधर, नीतीश कुमार को फाइनली महागठबंधन से बाहर लाने के लिए अमित शाह सक्रिय हो गए। बिहार में बीजेपी नेताओं ने बयानबाजी शुरू कर दी। नीतीश कुमार की बजाय बीजेपी उनके आने का संकेत देने लगी। इसी बीच लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बीजेपी ने मीटिंग में तेजी लाई लेकिन बयान देते वक्त नीतीश कुमार के घरवापसी पर बात करने पर अधिक जोर दिया।
बिहार में अचानक हलचल
नीतीश कुमार की चुप्पी और लगातार मीटिंग्स। बीजेपी नेताओं की बयानबाजी और दिल्ली तक सक्रियता ने महागठबंधन के दलों को असमंजस में डाल दिया। राजद नेता मनोज झा ने भ्रम को दूर करने का आग्रह किया ताकि लोगों को स्थितियां स्पष्ट हो।
क्या होने जा रहा?
दरअसल, माना जा रहा है कि नीतीश कुमार, महागठबंधन से अलग होने के पहले बीजेपी से उनके विधायकों का समर्थन पत्र चाहते हैं। बीजेपी सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार को बीजेपी का समर्थन पत्र मिलने के बाद अगले दिन यानी रविवार को वह राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा देंगे और पुन: नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बहरहाल, बिहार में कई दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा रविवार तक खत्म हो सकता है। नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले सकते हैं।
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