
सीतामढ़ी (बिहार): बिहार में राशन कार्ड धारकों की KYC अनिवार्य की गई है, ताकि फर्जी राशनकार्ड धारकों की पहचान हो सके और सही लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे आपूर्ति विभाग को हिला कर रख दिया। ताजा मामले में सीतामढ़ी समेत 20 जिलों में कुछ जन वितरण प्रणाली (PDS) विक्रेताओं ने एक ही राशन कार्ड की 50 से अधिक बार KYC करने की कोशिश की। यह जानकर विभागीय अफसरों के होश उड़ गए और मामले की पड़ताल शुरू हो गई।
क्या है मामला?
दरअसल, राशन कार्ड से लाभार्थियों का आधार नंबर लिंक है। KYC की प्रक्रिया में आधार नंबर और बायोमेट्रिक्स सिस्टम से वेरीफाई किया जाता है। आम तौर पर एक बार KYC होने के बाद दोबारा जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन कई डीलरों ने 50 बार से अधिक KYC कराने की कोशिश की, जिससे पूरा आपूर्ति विभाग सकते में आ गया। फिर विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कि आखिर डीलरों को बार-बार KYC करने की जरूरत क्यों पड़ी?
20 जिलों में पाए गए ऐसे मामले?
सूत्रों के अनुसार, बिहार के 19-20 जिलों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। जिनमें सीतामढ़ी, बथनाहा, रुन्नीसैदपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और अन्य जिले शामिल हैं।बहरहाल, सीतामढ़ी डीएम ने सदर एसडीओ को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दरम्यान, डीलरों ने बार-बार केवाई करने की अलग-अलग वजहें बताईं।
जांच में ये बात निकलकर आई सामने
रून्नीसैदपुर के एक डीलर ने कहा कि ई-KYC बार-बार फेल हो रहा था, इसलिए उन्होंने कई बार ट्राई किया। बथनाहा के तीन डीलरों ने दावा किया कि उनकी उम्र अधिक है, और पॉश मशीन (POS Machine) में बार-बार वही राशन कार्ड नंबर दिख रहा था, जिससे KYC कई बार हो गया। रून्नीसैदपुर एमओ अंजनी कुमार के मुताबिक, इस मामले में कोई खास चीज नहीं है। डीलर बार—बार केवाईसी करने की कोशिश कर रहे थे। उस दरम्यान, बार-बार फेल होने के चलते ऐसा हुआ था।
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